सहारा से कोर्ट ने कहा: आप तो अपनी इच्छा से जेल में हैं

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नई दिल्ली। जेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं और उनकी रिहाई की उम्मीद भी अब जाती दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को पैसा न जमा करने पर कड़ी फटकार लगायी और आखिरी वार्निंग भी दी। कोर्ट ने कहा कि आप अपनी इच्छा से जेल में हैं। कोर्ट ने कहा कि एक बात परेशानी की है कि रॉय एक तरफ तो यह कहते हैं कि उनके पास 1,85,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां हैं।
जब इसमें से पांचवां हिस्सा देने की बात आती है तो वह उसे देने में असमर्थ हैं। वहीं न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आपको इसमें से सिर्फ पांचवें हिस्से का भुगतान करना है। जिस व्यक्ति के पास इतना पैसा है वह अपनी प्रोपर्टी नहीं बेच रहा और जेल रहकर अपनी आजादी गंवा रहा है। आप जेल में अपनी मर्जी से हैं। कोर्ट ने सेबी से कहा है कि 14 सिंतंबर तक सहारा ग्रुप की संपत्तियां बेचने के लिए एक रिसीवर की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव अदालत को दे।
पीठ ने यह निष्कर्ष रॉय की ओर से पूर्व में किए गए इस दावे पर निकाला जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पास निवेशकों को देने के लिए काफी संपत्तियां हैं। सहारा समूह के जेल में बंद प्रमुख सुब्रत रॉय की मानवीय आधार पर रिहाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट कहा कि आप अपनी इच्छा से जेल में हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत के लिए यह उचित नहीं है कि वे रॉय को जेल में रखें जबकि उनके खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।सिब्बल ने कहा कि अन्य बडे उद्योग घरानों को इस तरह की परेशानी नहीं झेलनी पडती है और उनके 1,000 करोड रपये तक के कर्ज को रिजर्व बैंक और बैंकों की ओर से 5 से 10 साल में भुगतान की सुविधा दी जाती है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि राय के लिए जेल में रहते हुए इतनी बडी राशि का प्रबंध कर पाना आसान नहीं है और अदालत को मानवीय आधार पर उनको रिहा करने पर विचार करना चाहिए।