म्यांमार में तख्तापलट : चीन की साजिश

नई दिल्ली। म्यांमार में तख्तापलट की घटना के बाद पूर्वोत्तर से सटे सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय उग्रवादी गुटों के चीन की मदद से सिर उठाने की आशंका जताई जा रही है। म्यांमार में चीन की भूमिका पर कई देशों की निगाह बनी हुई है, लेकिन भारतीय एजेंसियों की चिंता पूर्वोत्तर को लेकर है। म्यांमार से सटे पूर्वोत्तर की सीमाओं पर कई उग्रवादी गुट ऐसे हैं, जिनका संपर्क चीन से भी बताया जाता है। खुफिया एजेंसियों ने इन गुटों पर निगाह रखने के मकसद से सतर्क रहने को कहा है।एजेंसियों को आशंका है कि पर्दे के पीछे से चीन पूर्वोत्तर में एक नया मोर्चा खोलने का प्रयास कर रहा है। म्यांमार में सशस्त्र समूह यूनाइटेड स्टेट आर्मी और अराकान आर्मी शामिल हैं, जिन्हें आतंकवादी संगठन नामित किया गया था। इन्हें चीनी सेना द्वारा मदद पहुंचाने की बात पहले भी सामने आई है। भारत-म्यांमार सीमा से सटे क्षेत्र में अलग मातृभूमि के लिए लडऩे वाले तीन जातीय नगा विद्रोहियों समूह से जुड़े लोगों के सेवानिवृत्त और वर्तमान चीनी सैन्य अधिकारियों के साथ मुलाकात की खबरें भी पिछले दिनों सामने आईं थीं।