लखनऊ। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अनस रहमान ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार के खिलाफ नौकरी दो या डिग्री वापस लो अभियान शुरू किया। एनएसयूआइ के अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकार की असलियत की ओर इशारा करना है, जिसे युवाओं को रोजगार देने में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम बेरोजगार छात्रों की पूरे देश से डिग्री एकत्र करेंगे, इसके जरिए सरकार को प्रचुर सबूत उपलब्ध कराए जाएंगे और इससे देश के युवाओं से बेरोजगार लोगों का वास्तविक आंकड़ा छिपाने में लगी केंद्र सरकार की असलियत सामने आएगी। हमारा मानना है कि युवा सशक्तीकरण और रोजगार सृजन सरकार का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य होना चाहिए।
वर्तमान में भारत में एक बड़ी चुनौती युवाओं की पीढ़ी के लिए संगठित क्षेत्र में काम का अभाव है। जैसा कि सरकार जनता के सामने जो कुछ भी पेश कर रही है, वह सच्चाई नहीं है. इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। अनस रहमान ने कहा, सबसे चौंकाने वाला हिस्सा यह है कि देश में बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे अधिक है। 2014 में, एनएसयूआई ने हर साल दो करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने का वादा किया था और अब, यह आंकड़ा 12 करोड़ तक पहुंच गया है।
भाजपा ने देश के युवाओं को धोखा दिया है, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 में बेरोजगारी दर बढक़र 6.1 प्रतिशत हो गई, जो 2011-12 में 2.2 प्रतिशत थी। हृस्ढ्ढ के इस कार्यक्रम से सरकार की आफत होने वाली है इसमें दो राय नहीं है क्योंकि युवा इस वक्त रोजगार को लेकर गुस्से में है और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को पूरी तरह से तैयार है।