पटना। स्वयंसेवकों से सेवा करने की अपील करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ संचालक मोहन भागवत ने कहा कि हमें अहंकार छोडक़र सेवा करनी चाहिए। मानवता को सेवा भाव से देखा जाना चाहिए। सेवा को लाभ के रूप में नहीं देखना चाहिए। सेवा अगर लाभ की आशा से की गई तो वह सेवा नहीं रह जाती। दिखाने या स्पर्धा के लिए भी सेवा नहीं की जाती है।
फुलवारीशरीफ के कोरियावां के केशव नगर में डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति की ओर से सेवा सदन के लिए साढ़े तीन बीघा जमीन पर बनने वाले तिमंजिला भवन के निर्माण कार्य का कार्यारम्भ करते हुए श्री भागवत ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हमारे भारत की परंपरा यही रही है कि नि:स्वार्थ रूप से कष्ट में रहें पर प्राणी की सेवा करते रहें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में एक लाख 37 हजार सेवा सदन चल रहे हैं। इसमें सरकारी पैसा नहीं लगाया जाता है, चंदा से चलता है। किसी तरह की जरूरत पड़ी तो हमारे कार्यकर्ता पैसे खर्च करते हैं। संघ प्रमुख ने पटना में बनने वाले भवन पर कहा कि इसमें बिहार के सुदूर जिलों से पटना आने वाले मरीज व उनके व परिजनों के रहने व भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था की जाएगी। पटना में इलाज कराने बिहार के सुदूर जिलों से लोग आते हैं। मरीजों और उनके परिजनों को रहने व खाने-पीने की बड़ी समस्या होती है। इसी उद्देश्य से बनाए जा रहे इस भवन के बन जाने से मरीजों को सुविधा होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि पटना एम्स कोरोना काल में भी निरंतर स्वास्थ सेवा दे रहा है और अब भी लगातार जारी है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा यहां पर मरीजों के परिजनों के रहने के लिए व्यवस्था की जा रही है। यह बन जाने के बाद उत्तर भारत से बड़ी तादाद में पहुंचने वाले मरीजों के परिजनों को लाभ मिलेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इस पहल की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी।