पंचायत चुनाव: क्षेत्र में दावेदारों की बढ़ी गतिविधियां

डेस्क। जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत का आरक्षण जारी होने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक पार्टियों के अलावा क्षेत्रीय स्तर पर पंचायत की राजनीति पर बारीकी से नजर रखने वाले लोगों की भी गतिविधियां बढ़ गई हैं। चौपालों में शह मात का खेल भी शुरू हो गया। आरक्षण जारी होने के बाद ऐसे कई दावेदार परेशान हो गए हैं जिन्होंने महीनों पहले से चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। लोगों को तो अब बस चुनाव की तारीख का ऐलान होने का इंतजार है।
राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी। हालांकि पहले से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए तैयारी कर रहे सामान्य और ओबीसी वर्ग के लोग मायूस हो गए। राजनीतिक दल अब नए आरक्षण के मुताबिक नए चेहरे की तलाश करेंगे। भाजपा की सबसे ज्यादा तैयारी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत प्रमुख के संभावित चेहरों की सूची पहले से तैयार है। मंडल और जिला स्तर पर संगठन ने अपने हिसाब से तैयारी की है। पार्टियां तय करेंगी कि कौन पार्टी समर्थित प्रत्याशी होगा। सपा और बसपा से जुड़े चेहरे भी अपने हिसाब से लामबंद होने लगे। अपने संपर्कों के जरिए पार्टी नेतृत्व तक बात पहुंचा रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष का पद आरक्षण जारी होने के बाद अब पार्टियों को ओहदेदारों को संभावित चेहरों की तलाश करने में आसानी होगी। आरक्षण जारी होने से पहले पंचायत राजनीति में सक्रिय लोग अपने हिसाब से तैयारी कर रहे थे। जिला पंचायत के वार्डों का आरक्षण जारी होने के बाद हलचल और तेज होगी। जिला स्तर पर अभी ग्राम पंचायतों में प्रधान और वार्ड मेंबर के आरक्षण जारी होंगे। इसी तरह क्षेत्र पंचायत सदस्य के आरक्षण भी जिला स्तर पर जारी होंगे। आरक्षण के तय फार्मूले के तहत जिला पंचायत की टीम अब काम शुरू करेगी।