लखनऊ। अमृत योजना के कामों को गुणवत्ता के साथ कराने और गड़बड़ी रोकने के लिए अब ई-गवर्नेंस का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए तैयार ऐप के माध्यम से इनके कामों पर नजर रखी जाएगी। इसके साथ ही परियोजना में लगाए गए कर्मियों की जानकारी भी ऐप के माध्यम से रखी जाएगी। राज्य मिशन निदेशालय ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।
केंद्र के निर्देशों के आधार पर राज्य मिशन निदेशालय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (पीएमएस) और पर्सनल इंनफारमेशन सिस्टम’(पीआईएस) तकनीक का इस्तेमाल शुरू करने जा रहा है। पीएमएस ऐप के माध्यम परियोजनाओं की लागत और गुणवत्ता पर नजर रखी जाएगी और पीआईएस ऐप से योजना में तैनात किए गए कर्मियों का ब्योरा रखा जाएगा। सीवरेज, पेयजल और पार्कों के सुंदरीकरण और जीणोद्धार से संबंधित कामों के शुरू होने से लेकर समाप्त होने तक कम से कम चार स्तरों पर जियो टैंगिंग की व्यवस्था लागू की जाएगी।
प्रदेश के 59 शहरों में अमृत योजना में सीवरेज, पेयजल, पार्क सुधार समेत अन्य अवस्थापना विकास से संबंधित परियोजनाएं चल रही हैं। इन परियोजनाओं के लिए केंद्रीय मदद दी जा रही है। वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज, आगरा समेत कई ऐसे शहरों में बड़ी परियोजनाओं की गुणवत्ता में गड़बडी की शिकायतें मिली थीं। इसके साथ अमृत योजनाओं में मैनपॉवर की व्यवस्था में धनराशि के दुरुपयोग का मामला भी सामने आया था।