लखनऊ। योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश की बीजेपर सरकार अपने इस कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट सोमवार को प्रस्तुत करेगी। डिजिटल माध्यमों से प्रस्तुत किए जाना वाला यह बजट पूरी तरह पेपरलेस होगा। बजट में चुनावी तैयारियों की झलक देखने को मिल सकती है। राज्य सरकार के इस बजट में छात्रों, युवाओं, महिलाओं, किसानों के लिए कुछ नई घोषणाएं होने की उम्मीदें हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से जनता के बीच विकास का बड़ा संदेश देने का काम भी इस बजट के माध्यम से सरकार करेगी।
प्रदेश सरकार के इस बजट को सरकार की प्राथमिकताओं और मंशा के मुताबिक वित्त विभाग ने तैयार कर दिया है। डिजिटल माध्यमों से बजट की प्रस्तुति की तैयारी भी की जा चुकी है। मंत्रिओं व विधायकों को आईपैड पर बजट कैसे देखें इसकी ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। वित्त मंत्री सदन के अंदर पेपरलेस बजट कैसे प्रस्तुत करेंगे इसकी रूपरेखा भी खींच ली गई है। बजट सत्र शुरू होने से पूर्व भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में बजट सत्र के दौरान सरकार की चार साल की उपलब्धियों पर मजबूती से अपना पक्ष रखने की बात कही गई थी। इस बैठक में इस बात के संकेत दिए गए थे कि बजट के बाद 2022 चुनाव की तरफ बढऩा है। इससे यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश सरकार का यह बजट सबको खुश करने वाला हो सकता है। भाजपा के नारे सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास को बजट के माध्यम से जनता के बीच पहुंचाने की कोशिश हो सकती है। माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार के इस बजट का आकार 5.5 लाख करोड़ के करीब का होगा। केंद्रीय करों से अपेक्षित धनराशि नहीं मिलने के बाद भी राज्य सरकार अपने बजट के आकार को बढ़ाने में सफल होगी। इसका प्रमुख आधार वैश्विक संस्थाओं द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत के विकास दर का आंकलन 11 फीसदी के करीब किया जाना बनेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को बजट घाटे को तीन से बढ़ाकर पांच फीसदी किए जाने की छूट दिए जाने से भी प्रदेश सरकार बाजार व बैंकों से कर्ज बढ़ाकर अपने बजट आकार को बढ़ाने की तैयारी में है। प्रदेश सरकार 4.8 फीसदी घाटे का बजट प्रस्तुत कर सकती है। गौरतलब है कि चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार का बजट कुल 5.13 लाख करोड़ है।