लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने अगले विधानसभा चुनाव से पहले अपना आखिरी पूर्ण बजट सोमवार को पेश किया। चुनावी साल होने से सरकार की नजरें युवाओं पर रहीं। प्रदेश के युवाओं को नौकरी की जगह रोजगार से जोडऩे और उन्हें उद्यमी बनाने पर सरकार का जोर रहा। सरकार ने मंशा जताई कि युवा नौकरी की प्रतिक्षा करने के बजाय खुद का उद्यम लगाएं और दूसरों को भी स्थानीय स्तर पर रोजगार दें। ऐसा करने से ही प्रदेश का चौतरफा विकास होगा।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) इसका सबसे प्रभावी जरिया बन सकते हैं। बजट में इस पर खासा फोकस किया गया है। मुख्यमंत्री की सबसे पसंदीदा योजनाओं में से एक ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) के लिए बजट में 250 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसी मकसद से मुख्यमंत्री स्वारोजगार योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान के लिए बजट में 30 करोड़ की व्यवस्था की गई है। मालूम हो कि परंपरागत पेशे से जुड़े नाई, धोबी, दर्जी, मोची, लोहार, बढ़ई, सुनार आदि को प्रशिक्षण देने और उनको अद्यतन तकनीक से जोडऩे के लिए सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू की थी। मकसद यह था कि संबंधित लोगों को तकनीक के अनुरूप प्रशिक्षण मिले ताकि इनके उत्पाद भी गुणवत्ता और दाम में बाजार में प्रतिस्पर्धी बनें। बजट में इस योजना के लिए 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसी तरह माटी के काम से जुड़े लोगों की कला को संरक्षण एवं संवर्धन के लिए बजट में माटी कला बोर्ड के लिए 10 करोड़ की व्यवस्था की गयी है।
स्थानीय स्तर पर सबसे कम पूंजी, बुनियादी सुविधा और न्यूनतम जोखिम में सर्वाधिक रोजगार मुहैया कराने वाले खादी एवं ग्रामोद्योग के तहत मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत सामान्य महिला एवं आरक्षित वर्ग के लाभार्थियों को 10 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण और सामान्य वर्ग के पुरुषों के लिए 4 फीसदी सालाना ब्याज पर बैंकों से ऋण मुहैया कराएगी। वस्त्रों उद्योग के जरिए 25 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। पॉवरलूम बुनकरों को रियायती दर पर बिजली देने का प्रावधान भी बजट में है। उप्र स्टेट स्पिनिंग कंपनी की बंद पड़ी कताई मिलों की परिसंपतियों के उपयोग का भी प्रावधान बजट में किया गया है। इनमें पीपीपी मॉडल से औद्योगिक पार्क, इंडस्ट्रीयल इस्टेट, कल्स्टर बनाए जाएंगे। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।