लखनऊ। उच्च शिक्षा के स्तर को नई बुलंदी देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यूपी हर मंडल में एक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इससे ग्रामीण परिवेश के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए एक जिले से दूसरे जिलों व राज्यों में पढ़ाई करने के लिए दौडऩा नहीं लगाना पड़ेगी। वहीं, 200 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों की सूरत भी बदलने का काम योगी सरकार करने जा रही है। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को प्रदेश सरकार के पांचवे बजट अभिभाषण के दौरान हर मंडल में एक राज्य विश्वविद्यालय खोले जाने की बात कहीं।
यूपी में अभी 16 राज्य विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें भी कई मंडलों में अभी राज्य विश्वविद्यालय नहीं है। ऐसे में ग्रामीण परिवेश के छात्रों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए दूसरे जिले जाना पड़ता है। इससे छात्रों पर हॉस्टल व मेस फीस को बोझ बढ़ जाता है। अपने ही मंडल में विश्वविद्यालय खुल जाने के बाद छात्रों को पढ़ाई करने के लिए दूर दराज नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा प्रदेश के 170 शासकीय डिग्री कॉलेजा की सूरत भी योगी सरकार ने बदलने की तैयारी कर ली है। बजट में राजकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण कार्य के लिए 200 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। इससे इन कॉलेजों में पढऩे वाले दस हजार से अधिक छात्रों को सीधा फायदा मिलेगा। प्रदेश के 7183 निजी, अनुदानित व शासकीय डिग्री कॉलेजों में 41 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं।
जानकारों के मुताबिक प्रदेश में 51 राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है, साथ ही 28 नए निजी विश्वविद्यालय खुलने जा रहे हैं । सरकार युवाओं में कौशल विकास बढ़ाने के लिए इंडस्ट्री, कौशल विकास जैसी विधाओं में भी विश्वविद्यालय खोले जाने पर सरकार विचार कर रही है। इसमें राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ की स्थापना के लिए 27.282 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध हो चुकी है। निर्माण कार्य मद में 2000 लाख का प्राविधान किया गया है।
इसके अलावा 1000 लाख रुपए की धनराशि निर्माण कार्य के लिए डॉ भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा को प्रदान की गई है। वहीं, सहारनपुर राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कृषकों की 17.598 हेक्टेयर जमीन क्रय करने के लिए 19 करोड़ 22 लाख रुपए से अधिक की धनराशि निर्गत की जा चुकी है।