गंगा एक्सप्रेस वे: बजट में 7689 करोड़ रुपये का प्रावधान

लखनऊ। कनेक्टिविटी और विकास एक दूसरे के पूरक हैं। उप्र जैसे लैंड लाक्ड प्रदेश के लिए तो और भी। बेहतर सडक़ें और विकसित एयरपोर्ट ही इसका विकल्प हैैं। इनके जरिए प्रदेश के उत्पाद आसानी से सुरक्षित और तेजी से देश दुनिया के बाजारों में पहुंच सकते हैं। बजट में सरकार ने इस पर पर्याप्त फोकस किया है। देश के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना में भूमि अधिग्रहण के लिए ₹7200 करोड़ और निर्माण कार्य के लिए ₹489 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उल्लेखनीय है कि यह एक्सप्रेस वे मेरठ को प्रयागराज से जोड़ेगा। मेरठ और प्रयागराज के अलावा इससे हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ भी जुड़ेंगे। छह लेन के इस एक्सप्रेस वे को आठ लेन तक किया जा सकेगा। बजट में पूर्वांचल एक्सप्रेस के लिए 1107 करोड़, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के लिए 860 करोड़ और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के लिए ₹1492 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। गौतमबुद्ध नगर के जेवर में बन रहे एशिया के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट में रनवे की संख्या दो से बढ़ाकर छह करने का निर्णय योगी सरकार ने लिया है। इसके लिए बजट में ₹ 2000 करोड़ का प्रावधान किया है। पिछले साल के बजट में भी जेवर के लिए 2000 करोड़ का ही प्रावधान था।
अयोध्या में निर्माणाधीन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट के लिए 101 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मालूम हो कि योगी सरकार के कार्यकाल में क्रियाशील एयपोर्टस की सख्या 4 से बढक़र 7 हो गयी। कुशीनगर एयरपोर्ट को केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित कर चुकी है। इसका संचलन शीघ्र होने वाला है। इसके संचालित होने पर इसको शामिल करते हुए जल्दी ही प्रदेश में चार एअरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी और जेवर अंतरराष्ट्रीय स्तर के हो जाएंगे। अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती के एअरपोर्ट बनकर लगभग तैयार हैं। चित्रकूट और सोनभद्र के एयरपोर्ट मार्च 2021 तक बन कर तैयार हो जाएंगे। एयर कनेक्टिविटी के लिहाज से उत्तर प्रदेश के लिए यह रिकॉर्ड उपलब्धि होगी। महानगरों में लोगों की यात्रा सुखद, सुरक्षित और तेज हो यह भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में रहा है। इसके लिए कई महानगरों में मेट्रो रेल पर काम चल रहा है। कुछ की परियोजनाएं अभी पाइपलाइन में हैं। बजट में कानपुर और आगरा मेट्रो के लिए क्रमश: 597 और 478 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वाराणसी, गोरखपुर और अन्य शहरों की मेट्रो परियोजनाओं के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इसी क्रम में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरीडोर के निर्माण के बाबत बजट में 1326 करोड़ का प्रावधान किया गया है।