गाजियाबाद। सर्दियों में शुरू हुआ किसान आंदोलन अब धीरे-धीरे ग्रीष्म ऋतु की ओर बढऩे लगा है पर भीषण ठंड सर्द हवाएं तथा बारिश का सामना करने वाले आंदोलनकारी किसानों के हौसले अभी पस्त नहीं हुए हैं । कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के अन्य प्रांतों के साथ यूपी गेट पर चल रहा किसान आंदोलन को अब लगभग 3 महीने हो चले हैं। इस बीच आंदोलनकारी किसानों की संख्या में दिन प्रतिदिन कमी भी परिलक्षित हो रही है । परंतु किसान संगठन विभिन्न महापंचायत तथा रैलियों आदि के माध्यम से किसानों की भीड़ को आंदोलन स्थल में पहले की तरह जुटाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के युवा अध्यक्ष गौरव टिकैत ने अपना बयान जारी कर कहा कि यूपी बॉर्डर पर किसानों की घटती संख्या को देख कर सरकार यह न समझे कि किसान आंदोलन का जोश कम पड़ गया है तथा आंदोलन अब अपने अंतिम पड़ाव पर है । उन्होंने कहा कि सरकार को यह नहीं मालूम कि देश के समस्त किसान एकजुट है और अपने नेताओं की एक आवाज पर 1 घंटे के अंदर लाखों की संख्या में किसान यूपी बॉर्डर पर एकत्र हो सकते हैं । वास्तव में खेतों में खड़ी फसल की वजह से वर्तमान में संगठन द्वारा किसानों को अपने अपने खेतों पर रहने के लिए आदेशित किया गया है। किसान आंदोलन के दूसरे प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि किसानों द्वारा ग्रीष्म ऋतु में बॉर्डर पर डटे रहने के लिए पंखे कूलर यहां तक कि ऐसी तक का इंतजाम किया जा रहा है।