दिल्ली पुलिस के बीच किताबें लेकर पहुंचा राजकमल

नई दिल्ली। राजकमल प्रकाशन ने एक अनूठी पहल करते हुए रविवार को दरियागंज पुलिस स्टेशन परिसर में एक विशेष आयोजन के तहत दिल्ली पुलिस के प्रतिनिधियों को किताबें भेंट कीं। साथ ही बाल सुधार गृहों, बालिका सुधार गृह और एक स्टडी सर्किल में भी किताबें भेंट कीं। राजकमल प्रकाशन ने अपने 74 वें स्थापना दिवस पर घोषित पुस्तक मित्र अभियान के पहले कदम के तहत दरियागंज पुलिस स्टेशन परिसर में एक आयोजन किया जिसमें आए सभी पुलिस प्रतिनिधियों को पुस्तकें भेंट की गईं। आयोजन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने कहा कि आज से 74 वर्ष पहले राजकमल की प्रकाशन यात्रा शुरू हुई तबसे उसमें हमेशा अपने समय को चिन्हित करते हुए किताबें छापीं। हमें गर्व है कि हमने हिंदी के तमाम श्रेष्ठ लेखकों की पुस्तकें छापीं। यह सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा हम बीते 2 साल से अपने स्थापना दिवस, 28 फरवरी को भविष्य के स्वर कार्यक्रम मनाते रहे। उसी को आगे बढ़ाते हुए हमने वर्तमान परिस्थिति में पुस्तक मित्र अभियान की पहल की है। हम समाज के हरेक वर्ग तक किताबें पहुंचाने को प्रतिबद्ध हैं। आयोजन को संबोधित करते हुए दरियागंज पुलिस स्टेशन के थानाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा किताबें ज्ञान का भंडार होती हैं। उन्हें पढऩे से जि़न्दगी बदल सकती है। लेखक किताबों में जो कुछ दर्ज करता है उसके पीछे कहीं न कहीं की प्रेरणा होती है जो आपके काम आती है।
इससे पहले आयोजन का संचालन करते हुए युवा लेखक विनीत कुमार ने कहा महामारी के दौर में जब तमाम चीजें और भूमिकाएं बदल रही थीं, तब लोगों ने अपने पसंदीदा किताबों के माध्यम से अपने अकेलेपन को दूर किया। किताबों ने लॉक डाउन के दिनों में अहम भूमिका निभाई। इस संदर्भ में देखें तो राजकमल प्रकाशन का दिल्ली पुलिस के बीच किताबों का उपहार लेकर आना बहुत मानीखेज़ है। आयोजन में प्रसिद्ध लेखक प्रभात रंजन और युवा रचनाकार प्रवीण झा ने अपनी पसंदीदा पुस्तकों के अंश पढ़ कर सुनाए। राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी के नेतृत्व में प्रकाशन की टीम दिल्ली के कूचा चालान स्थित बाल सुधार गृह, पर्दा बाग स्थित बालिका सुधार गृह और खादर स्थित स्टडी सर्किल जाकर वहां के बच्चों और बालिकाओं को पुस्तकें और लेखन सामग्री भेंट की। इस मौके पर अशोक महेश्वरी ने कहा, बच्चे हमारा भविष्य हैं और अच्छे भविष्य का रास्ता किताबों से होकर गुजरता है। इस बात को महसूस करते हुए राजकमल ने भविष्य के इन पाठकों तक पुस्तकें पहुंचाना अपना कर्तव्य समझा। गौरतलब है कि राजकमल प्रकाशन ने अपने 74वें स्थापना दिवस से पुस्तक मित्र अभियान की शुरुआत की है। जिसके तहत वह समाज के हरेक वर्ग तक अच्छी पुस्तकें पहुंचाने के लिए पूरे वर्ष विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाएंगे।