पटना। हाईकोर्ट ने बिहार बोर्ड को एसटीईटी का परिणाम घोषित करने आदेश दिया है। इससे सूबे में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। परिणाम घोषित होने के बाद राज्य सरकार नियोजन का शिड्यूल बनाएगी।
उसके बाद जिलावार नियोजन प्रक्रिया शुरू होगी। नियोजन इकाइयां रोस्टर और मेधा के अनुसार रिक्त सीटों पर मेरिट सूची बनाएगी। प्रदेश के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 37 हजार 335 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। गुरुवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा को सही करार दिया। साथ ही ऑनलाइन एसटीईटी के परिणाम घोषित करने को हरी झंडी दे दी। हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भविष्य में एसटीईटी के लिए सिलेबस बनाने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की एकलपीठ ने आदित्य प्रकाश एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। कोर्ट को बताया गया कि बगैर माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का सिलेबस जारी किये ऑनलाइन परीक्षा ली गई। जबकि ऑनलाइन परीक्षा के लिए बोर्ड ने राज्य सरकार को सूचित कर मंजूरी ली थी। उन्होंने ऑनलाइन परीक्षा सहित ऑनलाइन की सारी प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग कोर्ट से की। वहीं, राज्य सरकार तथा बोर्ड की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर तथा ज्ञान शंकर ने कोर्ट को बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए एसटीईटी माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा ऑनलाइन लेने का निर्णय लिया गया था। बताया कि कोरोना काल में ऑनलाइन परीक्षा सबसे सुरक्षित है। इस पर सवाल खड़ा करना सही नहीं है। कोर्ट ने बोर्ड की दलील को मंजूर करते हुए ली गई ऑनलाइन परीक्षा को सही निर्णय करार देते हुए अर्जी को निष्पादित कर दिया और कहा कि भविष्य में होने वाले एसटीईटी के लिए सिलेबस बनाया जाए।