नई दिल्ली। हर वक्त चीन की जी हजूरी करने वाले पाकिस्तान को ड्रैगन हमेशा बेवकूफ बनाता है, मगर आतंक के आका को कुछ समझ ही नहीं आता। चाहे कोरोना वैक्सीन को लेकर हो या हथियार, चीन ने हमेशा पाकिस्तान की पीठ में खंजर घोपा है, मगर तब भी पाक सबक नहीं ले रहा और गुलाम की तरह मालिक की जी हजूरी में लगा रहता है। जिस जेफ-17 के दम पर पाकिस्तान कूदता है, दरअसल वह चीन के द्वारा ‘सोना’ बताकर दिया गया एक तरह से कूड़ा ही है और यह अब उसके लिए जी का जंजाल बन चुका है। चीन ने पाकिस्तान को जेफ-17 थंडर यह कहकर दिया था कि यह कम कीमत वाला, हल्का वजनी और हर मौसम में मार करने वाला फाइटर जेट है, मगर हकीकत इससे कोसों दूर है और अब अन्य आधुनिक हथियार सिस्टम की तुलना में इसका हाई मेंटनेंस और ऑपरेशन पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बन चुका है। दरअसल, साल 1999 में पाकिस्तान और चीन ने साथ मिलकर जेएफ-17 थंडर बनाने के लिए संयुक्त करार किया था। उस वक्त यह भी तय किया गया था कि इसे बनाने में जितने भी पैसे लगेंगे उसे दोनों देश शेयर करेंगे। पाकिस्तान को लगा था कि उसके जेएफ-17 थंडर लड़ाकू विमान में पश्चिमी एवियोनिक्स से लैस होंगे और रूसी क्लिमोव आरडी 93 एयरोइन द्वारा संचालित होंगे तो बेहतर होगा, मगर पाकिस्तान का मानना, एक ख्वाब बनकर ही रह गया।