नई दिल्ली। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नई कबाड़ नीति के तहत पुराने वाहनों के फिटनेस जांच लिए स्वचालित परीक्षण केंद्र सर्वाजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर बनाएं जाएंगे। केंद्र सरकार इसके लिए राज्यों और निजी कंपनियों को मदद देगी। उन्होंने कहा कि स्वचालित फिटनेस परीक्षण केंद्र की जांच में विफल रहने वाले वाहन को चलाने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। यह नीति वाहन उद्योग को सबसे मुनाफा वाला क्षेत्र बनाएगा। यह भारतीय वाहन उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जाएगा जिससे इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होंगे। ससे वाहन उद्योग को कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से उबरने में मदद मिलेगी। स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति के तहत व्यक्तिगत या निजी वाहनों का 20 साल में और वाणिज्यिक वाहनों का 15 साल में ‘फिटनेस टेस्ट’ होगा। गडकरी ने कहा कि इससे आने वाले वर्षों में भारतीय वाहन उद्योग का कारोबार 30 प्रतिशत बढक़र 10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भारतीय वाहन उद्योग का सालाना टर्नओवर 4.5 लाख करोड़ है जो अगले कुछ सालों में बढक़र 10 लाख करोड़ पहुंच जाएगा। भारत वाहन उद्योग का बड़ा केंद्र बन जाएगा। उन्होंने कहा कि एक पुरानी कार से पांच साल में 1.8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है। वहीं, एक भारी वाहन से तीन साल में आठ लाख रुपये का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि ग्रीन टैक्स लगाने को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है।