हर जुल्मी को जेल: इस नीति ने महिला अपराध पर लगाया अंकुश

लखनऊ। अपराध और अपराधियों के खिलाफ राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चलाया जा रहा अभियान महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर अंकुश लगाने सफल हो रहा है। बीते चार वर्षों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के आंकड़ों में आयी कमी इसे साबित कर रही है। इन आंकड़ों के अनुसार दूसरे राज्यों की अपेक्षा प्रदेश पुलिस ने महिला अपराध के मामलों में आरोपियों को सबसे अधिक सजा दिलाने में कामयाबी हासिल की है। पास्को एक्ट एवं महिला अपराध के संगीन मामलों में अपराधियों को जेल भेजा है। वहीं बीती 17 अक्तूबर से शुरु हुए ‘मिशन शक्ति अभियान’ के तहत गत तीन मार्च तक प्रदेश में कुल 3,440 अपराधियों के खिलाफ कठोर पर कार्रवाई की गई। यहीं नहीं राज्य में महिलों महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सभी रेंज में महिला पुलिस चौकी परामर्श केंद्र बनाये जाने का फैसला लिया है। यह पुलिस चौकियां थाने की तर्ज पर कार्य करते हुए महिला अपराध के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं की सुरक्षा के सवाल को बेहद महत्व देते हैं। सूबे की सत्ता पर काबिज होने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री ने आपरेशन एंटी रोमियो चला कर शोहदों के खिलाफ कार्रवाई करने की छूट पुलिस को दी थी। मुख्यमंत्री इस आदेश से ही यह स्पष्ट हो गया था कि महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के उद्देश्य को लेकर उनकी सख्ती जारी रहेगी। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने वीमेन पावर लाइन -1090 और यूपी 112 को भी सक्रिय किया। मिशन शक्ति अभियान के दौरान पुलिस की इन दोनों एजेंसियों ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शानदार कार्य किया। यूपी 112 के प्रभारी एडीजी असीम अरुण के अनुसार, यूपी 112 हर दिन 907 महिलाओं तक मदद के लिए पहुंच रही है। और मिशन शक्ति अभियान के तहत यूपी 112 ने एक लाख 21 हजार महिलाओं को सहायता पहुंचाई है। इसी प्रकार प्रदेश पुलिस में चौबीस घण्टे निरन्तर चलने वाले काल सेण्टर वीमेन पॉवर लाइन-1090 के जरिये महिलाओं के साथ छेडख़ानी करने, उन्हें धमकी देने सरीखे अपराध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वीमेन पॉवर लाइन-1090 के चलते महिलाओं और लड़कियां से साथ होने वाली छेडख़ानी की घटनाओं में अंकुश लगा है। साइबर अपराध के मामलों में भी वीमेन पॉवर लाइन-1090 कठोर कार्रवाई कर रही है। इसी प्रकार राज्य की पुलिस ने ‘मिशन शक्ति अभियान’ के जरिये महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जो कार्य किया उसकी सराहना अन्य राज्यों की पुलिस भी कर रही है। ‘मिशन शक्ति अभियान’ के दौरान प्रदेश के समस्त 75 जनपदों, 521 ब्लॉकों, 59,000 पंचायतों, 630 शहरी निकायों और 1,535 थानों के माध्यम से महिलाओं एवं बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनने का प्रशिक्षण, सुरक्षा एवं सम्मान के प्रति जागरूकता फैलाने के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में चलाये गये मिशन शक्ति अभियान के दौरान महिला एवं बाल अपराधों में प्रभावी अभियोजन के माध्यम से इन अपराधों में लिप्त अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने की दिशा में सराहनीय कार्य हुआ है। जिसके चलते ही इस अभियान अवधि में जनपद हापुड़, हाथरस, रायबरेली, बांदा, गाजियाबाद, हरदोई में विभिन्न अभियोगों में 7 अपराधियों को फांसी की सजा से दंडित कराया गया है।
गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इतने कम समय में महिला अपराध के मामलों में इतनी कठोर कार्रवाई कभी नहीं हुई थी। गृह विभाग के अधिकारी बताते हैं, महिला अपराध के गंभीर प्रकरणों में समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि बलात्कार सहित हत्या के मामलों में ऐसे मामले जो विरले से विरले पाये जायें, अभियोजन विभाग उनमें मृत्युदंड की सजा सुनिश्चित कराने के हर संभव प्रयास करे ताकि अपराधियों के बीच यह संदेश स्पष्ट एवं मुखर रूप से पहुंचे कि यदि उनके द्वारा ऐसा जघन्य अपराध किया जायेगा तो उन्हें प्रत्येक दशा में दशा में मृत्युदंड ही मिलेगा। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने को लेकर सरकार की इस सोच के तहत मिशन शक्ति अभियान के दौरान दिनांक 17 अक्तूबर 2020 से 3 मार्च 2021 तक प्रदेश में 7 अपराधियों को फांसी के अलावा महिला एवं बाल अपराध के 435 अपराधियों को आजीवन कारावास तथा 394 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक कठोर कारावास तथा 1,108 अपराधियों को 10 वर्ष से कम कारावास तो कराया ही गया, साथ ही शोहदे और गुंडे किस्म के 1,503 अपराधियों को जिलाबदर भी कराया गया। इस तरह मिशन शक्त िअभियान के 138 दिनों के दौरान कुल 3,440 अपराधियों पर कार्रवाई की गई। आंकड़ों को दिन के हिसाब से देखा जाए तो औसतन रोज 25 अपराधियों पर कार्रवाई हुई और हर 19वें दिन एक अपराधी एक अपराधी को फांसी की सजा दिलाई गई है। महिला अपराध पर अंकुश लगाने को लेकर सरकार की ऐसी कारवाई ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगा है। इसकी एक वजह सरकार की हर जुल्मी (अपराधी) को जेल भेजने का फरमान भी है। खुद मुख्यमंत्री कई बार यह कह चुके हैं कि राज्य में जुल्म करने वालों की जगह जेल है और जुल्म करने वाला कोई भी जुल्मी आजाद नहीं रहेगा, उसे जेल जाना होना। सरकार के इस स्लोगन के चलते राज्य में महिला अपराध पर अंकुश लगा है, सूबे के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का यह कहना है।