साहिबाबाद। यूपी बॉर्डर ट्रांसपोर्ट नगर में प्रदेश तथा देश के विभिन्न भागों से से आए हुए ट्रांसपोर्ट यूनियनों के पदाधिकारियों की मीटिंग संपन्न हुई। इस मीटिंग में सर्वसम्मति से अखिल भारतीय स्तर पर कार्य करने के उद्देश्य से संयुक्त ट्रांसपोर्ट मोर्चे का गठन किया गया। इस मीटिंग में ट्रक मालिकों तथा ट्रांसपोर्टर्स की ऐसी गंभीर समस्याएं, जिनका सामना उन्हें प्रतिदिन करना पड़ता है उन समस्याओं से निजात कैसे पाया जाए इस पर विस्तृत चर्चा की गई । यह समस्याएं मूल रूप से डीजल,वे बिल, जीएसटी तथा जबरन काटे गए चालान आदि से संबंधित है। इसके अलावा प्रतिदिन सडक़ पर ट्रांसपोर्टर्स पर सेल टेक्स, आरटीओ तथा स्थानीय पुलिस की ज्यादतियों पर भी इस मीटिंग में खुलकर चर्चा की गई । विभिन्न क्षेत्रों, राज्यों तथा प्रांतों से आए हुए वक्ताओं ने इस मीटिंग में अपना पक्ष रखा। ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े यहां के सभी लोगों ने एक स्वर में यह कहा कि यद्यपि रेवेन्यू के हिसाब से ट्रांसपोर्ट उद्योग कृषि के बाद देश का सबसे बड़ा उद्योग है तथापि देश की आजादी के सात दशकों के बाद भी इस उद्योग में रत्ती भर भी सुधार नहीं हो पाया है। जो दुर्दशा आज भारत के किसानों की है लगभग वही दुर्दशा आज इस देश के ट्रांसपोर्ट उद्योग से जुड़े हुए व्यक्तियों की है। विश्व के लगभग सभी देशों में ट्रांसपोर्ट उद्योग को प्रोत्साहित करने एवं बढ़ावा देने के लिए वहां की सरकारें नए-नए रिफॉम्र्स लाती रहती है, परंतु यह वास्तव में दुर्भाग्य का विषय है कि हमारे देश में आज तक किसी भी केंद्र अथवा प्रदेश सरकार ने यहां के ट्रांसपोर्ट उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कुछ भी नहीं किया। केंद्र तथा प्रदेश सरकारों को ट्रांसपोर्ट उद्योग के जरिए बस अपना खजाना भरना याद रहता है । जबकि वास्तव में किसी देश का ट्रांसपोर्ट उद्योग उस देश के उत्थान तथा विकास के लिए रक्त प्रवाह की तरह होता है । जिस प्रकार अविरल रक्त प्रवाह के बिना हमारा शरीर स्वस्थ नहीं रह सकता उसी प्रकार हमारे देश की आर्थिक गतिविधियां तब तक सुचारू रूप से नहीं चलाई जा सकती जब तक कि यहां का ट्रांसपोर्ट उद्योग सुव्यवस्थित ना हो। इस मीटिंग में बोलते हुए संयुक्त ट्रांसपोर्ट मोर्चे के प्रवक्ता प्रमोद शेरौन ने कहा कि यह बहुत बड़ी विडंबना है कि आज भी ट्रांसपोर्ट उद्योग से जुड़े हुए लोगों को सरकारी महकमों में वरीयता नहीं दी जाती और ना ही उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाता है। इस मीटिंग में सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहां की अपनी समस्याओं के निदान के लिए उनमें से प्रत्येक व्यक्ति स्थानीय, जिला राज्य तथा आवश्यकता पडऩे पर केंद्र सरकार से अपनी न्यायोचित बातें बनवाने के लिए सदैव संघर्ष करने को तत्पर रहेगा। इस मीटिंग में मुख्यत: भाग लेने वालों में से ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रधान कुलतरण सिंह अटवाल तथा भाईचारा ऑल इंडिया ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान अशोक शर्मा ( राजकोट वाले ) के अलावा इस मीटिंग की अध्यक्षता राजेंद्र शर्मा चेयरमैन कार कैरियर एसोसिएशन , चेन्नई द्वारा की गई । इस पूरी सभा के संयोजक चौधरी प्रमोद शेरौन रहे । इस मीटिंग में भाग लेने वाले प्रमुख मेंबर जोगिंदर सिंह कसाना, सांगा जी, सोमदत्त शर्मा, राजवीर सिंह, अवतार सिंह बाजवा, गिरीश मेहता, हरिप्रसाद शर्मा, रणवीर सिंह, सुरेंद्र लाकड़ा तथा बहादुरगढ़ यूनियन के प्रधान राजेश दलाल आदि उपस्थित रहे।