लोकसभा में सुषमा बोलीं: मैने क्या गलती की है

Sushma-Swaraj
नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से ललित मोदी की मदद को लेकर विवादों में घिरीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को पहली बार लोकसभा में सफाई दी। सुषमा ने कहा कि मेरा अपयश का ग्रह चल रहा है। मैंने ललित मोदी की सिफारिश नहीं की, मेरे ऊपर लगे सभी आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा कि मुझपर आरोप लगाने वाले लोग सबूत दिखाएं, कि मैंने क्या गलती की है।
उन्होंने कहा कि मैं अपनी ओर से इस विषय पर चर्चा करने का अनुरोध कराने के लिए खड़ी हुई हूं। पिछले एक हफ्ते से मेरे खिलाफ मीडिया में खबरें चल रही हैं। दो सप्ताह बीत गए और तीसरा सप्ताह कल बीत जाएगा। मैं सोचती रह गई कि जवाब दूंगीं, सत्र समाप्त हो जाए और मेरे ऊपर लगे आरोप अनुत्रित रह जाए ये मेरे खिलाफ अन्याय होगा।
आप मुझे प्लीज जवाब देने की अनुमति दीजिए कि अखबारो में लेख के जरिए जो सवाल मुझसे किए जा रहे हैं मैं उनका जवाब दे सकूं। मेरा कोई ऐसा ग्रह चल रहा है कि मेरे साथी जो मुझसे प्यार करते थे, आज मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। मैं साफ कहती हूं कि न मैंने कभी भी ब्रिटिश सरकार से ललित मोदी को वीजा देने की सिफारिश या अनुरोध नहीं किया।
मैं चुनौती देकर कहती हूं कि एक कागज, एक चि_ी एक मेल ऐसा दिखा दीजिए जो मुझे आरोपी सिद्ध करता हो। एक सबूत मेरे पास है जो साबित करता है मैं निर्दोष हूं।एक्सप्रेस टाइम्स ने यूके के गृह मंत्रालय को एक चि_ी लिखी, जिसमें उन्होंने पूछा कि आपने कैसे ये वीजा डॉक्यूमेंट ललित मोदी को मुहैया कराए उन्होंने जवाब दिया कि हमने उन्हें अपने नियमों के तहत वीजा दिया था।
विपक्ष जो हंगामा कर रहा है, सवाल खड़े कर रहा है। कैसे किया और क्यों किया पूछने से पहले ये तो बता दो कि क्या किया? क्या मैंने ललित मोदी को आर्थिक मदद की, क्या मैंने ललित मोदी पर चल रहीं जांच को प्रभावित करने की कोशिश की? मैंने जो मौखिक संदेश उन्हें भेजा इसमें फैसला ब्रिटिश सरकार पर छोड़ा मैंने लिखा था कि यदि ब्रिटिश सरकार ललित मोदी को वीजा देने का निर्णय करती है तो ये निर्णय उनका होगा।
ये मैंने मानवीय आधार पर भेजा, उनकी पत्नी ने चि_ी लिखी थी। ललित मोदी की पत्नी कैंसर से पीडि़त हैं, पुर्तगाल के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है, 19 साल से कैंसर है, 9 बार ऑपरेशन हो चुका है और 10वीं बार उभरा है, डॉक्टर ने कहा था कि इस बार जो इलाज होगा उसमें जान का खतरा हो सकता है, उनकी जान भी जा सकती थी।
मेरी जगह आप होतीं तो आप क्या करतीं 17 साल से कैंसर से पीडि़त से, उसके खिलाफ कोई क्रिमिनल मामला नहीं है भारत की नागरिक है, उसका इलाज खतरों से भरा है, और इसलिए उसने लिखा कि इस दिन मैं अपने पति का साथ चाहती हूं। अगर इस तरह के गुनाह के लिए मैं जिम्मेदार हूं तो हां मैंने गुनाह किया है, इसके लिए सदन जो सजा मुझे देना चाहे दे सकता है।