लखनऊ। यूपी साल 2025 से पहले टीबी मुक्त हो जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक दुनिया को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2025 तक ही भारत को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। उनके इस संकल्प के अनुरूप ही उत्तर प्रदेश निर्धारित समय सीमा में टीबी मुक्त हो जाएगा। ये बातें सीतापुर के कसमंडा ब्लॉक के सुरैंचा गांव में स्थित विद्याज्ञान विद्यालय में आयोजित विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक जनसंख्या वाले प्रदेश ने कोरोना पर लगाम लगाने में सफलता हासिल की है। पूरी दुनिया ने कोरोना के खिलाफ अभियान चलाया गया ऐसे में भारत ने भी इसके विरूद्ध अभियान चलाया। उत्तर प्रदेश ने विशेष रणनीति बनाकर कोरोना पर अंकुश लगाया। सामूहिकता की ताकत का परिणाम है कि दूसरे राज्यों व देशों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर होने के बावजूद भी कोरोना के विरूद्ध एक मजबूत लड़ाई लड़ते हुए उसपर सफलता हासिल की। उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित 38 जिले इंसेफलाइटिस से ग्रस्त थे, सैकड़ों मौतें होती थीं। पिछले चालीस पैंतालीस सालों में किसी सरकार ने इसका हाल चाल नहीं लिया। जब प्रदेश में हमारी सरकार आई तो 2017 से हमने विशेष अभियान चलाया। उचित रणनीति का ही परिणाम है कि वर्षों से हज़ारों बच्चों की जान ले चुकी दिमागी बुखार जैसी बीमारी में 75 प्रतिशत और उससे होने वाली मौतों में 95 प्रतिशत की कमी आई है और संक्रमण रोगों पर नियंत्रण के गोरखपुर मंडल की राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सरहाना भी हुई। उन्होंने कहा कि कोरोना से लडऩे के लिए अब आगामी 1 अप्रैल से 45 साल के ऊपर के भी लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। टीकाकरण से हम कोरोना महामारी से लड़ सकेंगे। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सबसे ज्यादा 70 हजार आवास सीतापुर में दिए गए।
जनवरी माह में प्रदेश के सभी जनपदों में पल्स पोलियो अभियान चलाया गया जिसके तहत 0 से 5 वर्ष के 3 करोड़ 40 लाख बच्चों को पोलियो की ड्राप पिलाई गई। पोलियो उन्मूलन अभियान की तरह ही टीबी के विरूद्ध ही प्रदेश सरकार एक विशेष अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि ट्यूबरक्लोसिस का कोई भी बच्चा हो, व्यक्ति हो इलाज़ से बचना नहीं चाहिए। ये हम सभी की जिम्मेदारी है। टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश के लिए जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही पूरे समाज को एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी लोग एक-एक टीबी रोगी की जिम्मेदारी लें और बस इतनी निगरानी करें कि रोगी समय से दवा ले रहा है या नहीं। उसे सरकारी मदद मिल रही है या नहीं। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश के स्कूलों के कायाकल्प का संकल्प लिया था जिसके तहत सभी विभागों को एक एक विद्यालय गोद लेने के निर्देश दिए थे उसके सकारात्मक परिणाम आज सभी को देखने को मिल रहे हैं। आज प्रदेश के 1 लाख 58 हजार विद्यालयों का कायाकल्प किया जा चुका है। इसी तरह आज हम टीबी मुक्त यूपी का संकल्प लेकर कार्य कर रहे हैं। इसी तरह समाज को टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने में योगदान देना होगा, तभी 2025 के लक्ष्य को प्रदेश प्राप्त करेगा। इस तरह ही हम सब मिलकर टीबी पर जीत हासिल करेंगें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच जिलों के जिला क्षय रोग अधिकारियों को सम्मानित किया। इनमें रामपुर के प्रदीप वाष्र्णेय, सोनभद्र के विनोद अग्रवाल, उन्नाव से नरेंद्र सिंह, चंदौली से दीनानाथ मिश्र व महराजगंज के विवेक श्रीवास्तव को सम्मान पत्र दिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 21 जिलों में बनने वाले ड्रग वेयर हाउस का शिलान्यास किया। जिसके तहत सीतापुर जिले में भी ड्रग वेयरहाउस का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा फतेहपुर, बस्ती, रायबरेली, फर्रुखाबाद, औरैया, बाराबंकी व वाराणसी में औषधि भंडार केंद्र बनेगा। गाजियाबाद, मिर्जापुर, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, बलरामपुर, मुजफ्फरनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया, हापुड़, प्रतापगढ़, मऊ, चित्रकूट व संभल जिले में बनने वाले ड्रग वेयरहाउस का शिलान्यास किया गया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 451 ट्रूनेट मशीनों का लोकार्पण भी किया। इसके अलावा गोरखपुर व मेरठ में स्थापित एलपीए लैब का शुभारंभ किया गया। वहीं जनपदों में स्थापित 25 डिजिटल एक्सरे मशीन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने डिजिटल तरीके से गोरखपुर में रीजनल आरटीपीएमयू का शुभारंभ भी किया।