लखनऊ। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू कर दी गयी है। इस आचार संहिता का अनुपालन पंचायत चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों, उनके समर्थकों, कार्यकर्ताओं के अलावा सत्ताघारी दल के प्रतिनिधियों को भी करना होगा। आचार संहिता लगते ही चुनाव प्रक्रिया से संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण, प्रमोशन आदि पर भी रोक लग गई है। पंचायतों से संबंधित नए विकास कार्यों, योजनाओं की शुरुआत भी इस दरम्यान नहीं हो सकेगी। आचार संहिता के तहत सत्ताधारी दल के प्रतिनिधि, उम्मीदवार, उम्मीदवार के चुनाव एजेण्ट किसी भी सार्वजनिक उपक्रम, सरकारी, अर्धसरकारी विभाग के निरीक्षण गृह, डाक बंगला व अन्य किसी विश्रामगृह का प्रयोग चुनाव प्रचार या चुनाव कार्यालय के लिए नहीं करेंगे। चुनाव के दौरान सत्ताधारी दल के मंत्री सरकारी दौरों को चुनाव कार्य से नहीं जोड़ेंगे और न ही सरकारी तंत्र या कर्मचारियों का उपयोग ही करेंगे। चुनाव अवधि के दौरान पंचायतीराज संस्थाओं के खजाने से किसी अखबार या मीडिया में पंचायतों से संबंधित किसी विभाग या संस्था द्वारा कोई भी विज्ञापन नहीं दिये जाएंगे। चुनाव अवधि में पंचायतों से सम्बंधित सरकारी, अर्धसरकारी विभाग, संस्था, सार्वजनिक उपक्रम द्वारा किसी भी नयी योजना, परियोजना, कार्य, कार्यक्रम की घोषणा या उसकी शुरुआत नहीं की जाएगी। इस संबंध में कोई भी वित्तीय स्वीकृति या धनराशि जारी नहीं की जाएगी। चालू परियोजना, कार्यों में जो काम चालू हैं और धनराशि जारी की जा चुकी है, वे कार्य यथावत चलते रहेंगे। चालू परियोजना, कार्य में कोई नई वित्तीय स्वीकृति नहीं दी जाएगी। दैवीय आपदा और मानवजनित दुर्घटना में दी जाने वाली मदद राशि पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
केंद्र या राज्य सरकार के मंत्री किसी मतदान केन्द्र पर मतदाता होने के अलावा अन्य किसी हैसियत से प्रवेश नहीं करेंगे। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव से सम्बंधित अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादलों, नियुक्ति व प्रोन्नति पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। अपरिहार्य स्थिति में उक्त तबादला, नियुक्त या प्रोन्नति राज्य निर्वाचन आयोग की पूर्वानुमति के बाद ही की जा सकेगी। काननू-व्यवस्था या सुरक्षा के लिए तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को छोडक़र अन्य अधिकारी व कर्मचारी किसी भी सभा या आयोजन में शामिल नहीं होंगे। सुरक्षा में लगे अधिकारी व कर्मचारी के अलावा अन्य सरकारी अधिकारी व कर्मचारी किसी मंत्री के साथ चुनाव क्षेत्र में नहीं जाएंगे। उम्मीदवार और उनके प्रतिनिधि ऐसा कोई काम लिखकर, बोलककर या किसी प्रतीक के जरिये नहीं करेंगे जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय, जाति या सामजिक वर्ग एवं उम्मीदवार, राजनीतिक दल, राजनीतिक कार्यकर्ता की भावना आहत हो या उससे विभिन्न वर्गों, व्यक्तियों के बीच तनाव पैदा हो। पूजा स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर व गुरूद्वारे आदि का उपयोग चुनाव में प्रचार के लिए या चुनाव सम्बंधी अन्य कार्य के लिए नहीं किया जाएगा।