लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा की रीढ़ माने जाने वाले शिक्षामित्र इस बार दो महीने से मानदेय न मिलने से परेशान,हताश और निराश है।जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी कर्मचारियों को होली से पहले वेतन,मानदेय देने का निर्देश दिया है।किंतु विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण उत्तर प्रदेश के लगभग एक लाख तीस हजार शिक्षामित्रों को फरवरी और मार्च माह का मानदेय नहीं मिल सका है।जिसके कारण शिक्षामित्रों के परिवार में होली का त्यौहार सूना सूना सा है।उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिला अध्यक्ष लखनऊ सुशील कुमार यादव ने बताया की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किया था की होली के त्यौहार से पहले सबको वेतन व मानदेय मिल जाना चाहिए।लेकिन उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते शिक्षामित्रों को फरवरी एवं मार्च माह का मानदेय नहीं मिल पाया है।जिसके कारण सभी शिक्षामित्रों के परिवार में होली का त्यौहार सूना है और शिक्षामित्रों के बच्चे रंग खेलने और कपड़े नये कपड़े लेने से वंचित रह गए हैं।अब लगातार बैंकों में सात दिन तक कोई काम ना होने के कारण इतनी जल्दी खाते में मानदेय आना भी नामुमकिन सा लग रहा है।उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ प्रदेश माननीय मुख्यमंत्री से मांग करता है कि होली से पहले मानदेय जारी न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें।जिससे भविष्य में ऐसी कमियां दोबारा ना हो सके।सभी अधिकारी अपना वेतन समय से पहले जारी कर लेते हैं।लेकिन प्रदेश के कमजोर और कम मानदेय पाने वाले संविदा कर्मचारियों को त्यौहार से पहले मानदेय जारी न करके असमानता का परिचय देते हैं और यह उनकी हठधर्मिता को दर्शाता है।क्योंकि पिछले वर्ष दीपावली के त्यौहार में भी शिक्षामित्रों को इसी तरह से समय से मानदेय नहीं मिल सका था जो सरकार के निर्देश सबका साथ सबका विकास को ठेंगा दिखा रहे हैं।