मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में कोरोना के बढ़ते केसों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि यदि इसी रफ्तार में केस बढ़ते रहे तो 15 दिन में संसाधन कम पडऩे लग जाएंगे। मुख्यमंत्री ठाकरे ने शुक्रवार रात राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए लॉकडाउन की घोषणा तो नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा कि यदि स्थिति ऐसी रही तो इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोग लापरवाह हो गए हैं, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ को रोकने के लिए एक-दो दिन में और अधिक पाबंदियां लगाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि लॉकडाउन लगाने का फैसला होगा तो फिर आर्थिक स्थिति खराब होगी। हमें धैर्य के साथ कोरोना से लडऩा होगा। एजजुट होकर हमें कोरोना से युद्ध लडऩा होगा। हमने इसके लिए प्रयास किए भी हैं। राज्य में 500 स्थानों पर कोरोना टेस्ट की सुविधा दी गई है। आज की तारीख में हर दिन 1 लाख 82 हजार टेस्टिंग कर रहे हैं, जल्दी ही यह आंकड़ा 2.5 लाख तक पहुंचेगा। उद्धव ठाकरे ने कहा, ”हम किसी भी चीज को छिपाना नहीं चाहते, जो भी सच है वह हम लोगों के सामने रखते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि दूसरे राज्यों में आखिर केस क्यों नहीं बढ़ रहे हैं। मैं किसी और राज्य के बारे में बात नहीं करना चाहता। मैं अपने राज्य को लेकर पूरी जिम्मेदारी निभाऊंगा। आप सभी लोगों को पिछला मार्च याद होगा, जब अस्पतालों में बेड और एंबुलेंस तक कम पड़ रहे थे, लेकिन हमने इसे सुधारने पर काम किया है।”15 दिन यही रहा तो बिगड़ेंगे हालात,उद्धव ठाकरे ने कहा कि यदि हालात यही रहे तो फिर लॉकडाउन से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थिति डरावनी है, लेकिन हम सच छिपा नहीं सकते। हमारे पास 2,20,000 आइसोलेशन बेड हैं और उनमें से 62 फीसदी बेड भर चुके हैं। आइसोलेशन बेड 20,000 हैं, जिनमें से 48 फीसदी भर गए हैं। इसके अलावा वेंटिलेटर भी 30 फीसदी भर गए हैं। यदि यही हाल रहा तो आने वाले 15 दिनों में हमारा इन्फ्रास्ट्रक्चर कमजोर साबित होने लगेगा। यदि हम बेड बढ़ा भी देंगे तो डॉक्टर और नर्स कहां से लाएंगे।