सरकार का पहला टारगेट नक्सल कमांडर हिड़मा

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सल हमले में जवानों की शहादत के बाद आक्रामक नक्सलरोधी कार्ययोजना (एक्शन प्लान) को अमल में लाया जाएगा। कश्मीर के आतंकियो की तरह ही शीर्ष नक्सल कमांडरों की सूची तैयार कर उन्हें ढेर किया जाएगा। सरकार ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए तय किया है कि बंदूक न छोडऩे वाले नक्सली कमांडर किसी भी सूरत में नहीं छोड़े जाएंगे। सूत्रों ने कहा सुरक्षा बलों ने आपस मे शीर्ष कमांडरों की एक सूची साझा की है। नक्सल कमांडर हिड़मा इसमे सबसे ऊपर है। सुरक्षा बल बीजापुर की घटना का बदला लेने के लिए इसे जल्द से जल्द मौत के घाट उतारना चाहते हैं। सूत्रों ने बताया कि जिस तरीके से नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया, उसके बाद नक्सलियों के खिलाफ एक बड़े अभियान का खाका तैयार हुआ है। इसके तहत एक समन्वित ऑपरेशन चलाया जाएगा, जिसकी कमान केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथ होगी और स्थानीय बल व विशेष दस्ते इसमे शामिल होंगे। नक्सल गतिविधियों की सटीक जानकारी के लिए एनटीआरओ की मदद ली जाएगी। सुरक्षाबल से जुड़े सूत्रों ने कहा,नक्सलरोधी अभियान के लिए ह्यूमन इंटेलिजेंस और टेक्निकल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जाएगा। एनटीआरओ सुरक्षा एजेंसियों को रियल टाइम जानकारी देने में मदद करेगा। सूत्रों ने जानकारी दी है कि समीक्षा बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में तेजी लाई जाएगी। हिंसा करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी भरोसा दिया है कि नक्सलरोधी ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।