कन्टेंन्मेंट जोन : बांस-बल्ली लगा केवल खानापूर्ति

लखनऊ। कोरोना मरीज मिलने पर नगर निगम अब घरों के बाहर बांस-बल्ली लगाकर सील नहीं करेगा। बल्कि घर के दरवाजे पर टेप लगाकर उसे सील किया जाएगा। टेप इस तरह से लगाया जाएगा जिससे जरूरी सामानों की आपूर्ति में परेशानी न हो। अब मरीजों की संख्या अधिक होने पर गली या मोहल्ले को सील करने के लिए ही बांस-बल्ली का इस्तेमाल होगा। वहीं दूसरी ओर बांस-बल्ली लगाने का कोई असर नहीं पड़ रहा है लोग उसको हटाकर आवाजाही में लगे हैं मगर इसको देखने वाला कोई नहीं है।
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि कंटेनमेंट जोनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले तीन दिनों तेजी आई है। हर दिन चार-पांच सौ कंटेनमेंट जोन बढ़ रहे हैं। नगर निगम के पास 2200 कंटेनमेंट जोन की सूची अब तक मुहैया हो चुकी है। इतनी मात्रा में बांस-बल्ली का इंतजाम करना संभव नहीं है। बांस-बल्ली की व्यवस्था में खर्च भी अधिक हो रहा है। रस्सी खोलकर लोगों के बाहर निकल आने की शिकायत भी मिल रही है। इसीलिए अब हर मोहल्ले में मोहल्ला निगरानी समितियों को सक्रिय किया गया है। किसी मोहल्ले में एक घर में कोरोना मरीज मिलने पर उसके घर के सामने बांस-बल्ली लगाने के बजाए टेप से उस घर को सील किया जाएगा। साथ ही निगरानी समति को उस घर पर नजर रखने के लिए सक्रिय कर दिया जाएगा। दो या उससे अधिक घरों में कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने पर प्रोटोकाल के तहत पूरे मोहल्ले को सील करने की जरूरत हुई तभी बांस-बल्ली का इंतजाम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए कूड़ा गाडिय़ों में लगे लाउड स्पीकर से मास्क, दो गज की दूरी आदि के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा चौराहों पर लगे लाउड स्पीकर से भी लगातार अपील हो रही है।