जन धन खाते खोलने के मामले में निजी बैंक फेल

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेवाई) की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत देश के गरीबों का खाता जीरो बैलेंस पर बैंक, पोस्ट ऑफिस में खोला जाता है। देश में 31 मार्च 2021 तक 42 करोड़ से अधिक जन धन खाते खुल चुके हैं, लेकिन इसमें निजी बैंक बहुत पीछे हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष यानी 2020-21 में सरकारी बैंकों ने तीन करोड़ के करीब जन धन खाते खोले। वहीं निजी बैंकों ने सिर्फ 55 हजार के करीब खाते खोले। इतना ही नहीं पिछले वित्त वर्ष में निजी बैंकों ने करीब 50 हजार खाते कम खोले। सरकारी योजनाओं के लिए बेहद अहम इस खाते में निजी बैंकों की दिलचस्पी बेहद कम है। हिन्दुस्तान के सहयोगी प्रकाशन मिंट की ओर से भेजे गए सवाल पर आईसीआईसीआई बैंक को छोडक़र किसी भी बैंक ने या तो जवाब नहीं दिया या फिर बहाना बनाते नजर आए। आईसीआईसीआई ने पूरी स्पष्टता के साथ जन जन खाते का ब्योरा दिया। बैंक ने कहा कि उसने पिछले वित्तीय वर्ष में दो लाख 78 हजार 522 जन धन खाते खोले हैं। बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक जन धन खाता खोलने में निजी बैंकों में सबसे आगे है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ज्यादातर जन धन खाते अस्थाई तौर पर बंद हो गए हैं क्योंकि उनमें काफी समय से लेनदेन नहीं हुई है।