इमरान के मंत्रियों ने ही कानून को बताया हास्यास्पद

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्रिमंडल के दो वरिष्ठ सदस्यों ने उस विवादास्पद कानून का विरोध किया है जिसके तहत देश के शक्तिशाली सशस्त्र बलों की किसी भी आलोचना या उनके उपहास को अपराध माना जाएगा। इस कानून के तहत दोषी को दो साल की कैद या 50 हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों सजा हो सकती है। पाकिस्तान की एक संसदीय समिति द्वारा बुधवार को कानून को अनुमोदित किये जाने के बाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी और मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन मजारी ने इसका विरोध किया है। इस कानून को आंतरिक मामलों पर नेशनल असेंबली की स्थायी समिति ने मंजूर किया जबकि विपक्षी दलों ने इस कानून की तीखी आलोचना करते हुए इसे मौलिक अधिकारों के विपरीत करार दिया। इस प्रस्तावित कानून के खिलाफ सबसे पहले चौधरी ने अपनी आवाज उठाई और इसे एक ट्वीट में हास्यास्पद करार दिया। उन्होंने कहा, आलोचना को अपराध बनाए जाने का विचार पूर्णत: हास्यास्पद है, सम्मान हासिल किया जाता है, इसे लोगों पर थोपा नहीं जा सकता, मेरा पुरजोर मानना है कि ऐसे नए कानूनों के बजाय, अदालत की अवमानना कानून को निरस्त किया जाना चाहिए। चौधरी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन मजारी ने टिप्पणी की, “पूरी तरह सहमत। इसे और पुरजोर तरीके से नहीं कह सकती।