दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल के जनप्रतिनिधि व भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति राष्ट्रीय मोर्चा के कार्यकारिणी सदस्य तथा पैठ बाजार संघर्ष समिति के संयोजक अशोक संत ने बताया कि पैंठ बाजार संघर्ष समिति इस आदेश की आलोचना करती है़। यह एक साजिश है़ गरीबों के ख़िलाफ़। पहले भी की गयी थी और आज भी की जा रही है़। इन बाजारों से अभी तक कोरोना फैलने की कोई पुष्टि नहीं हुईं है़ अगर ऐसा है़ तो सार्वजनिक खुले बाजारों को भी बंद किया जाना चाहिए। यह सब अचानक नहीं हुआ इसकी तैयारी व्यापार मंडलों द्बारा काफी दिनों से की जा रही थी बाकायदा ज़िलाधिकारी को गलत सूचनाएं देकर। मैंने तब भी उसका विरोध किया था आज भी करूँगा। क्या कोरोना यह रेहड़ी पटरी बाजारों के गरीब दुकानदारो द्बारा फैल रहा है़ चूंकि यह गरीब है़। इनकी कोई अहमियत नहीं समझी जाती इसलिए इनको निशाना बनाकर इनके संविधानिक अधिकार छीने जा रहें है अशोक पंत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी से अपील की कि पटरी बाजारों व साप्ताहिक बाजारों को कोविड 19 के दिशा निर्देशो के तहत लगाने की इजाजत दी जानी चाहिए वरना यह गरीब भूखे मरने लगेगे और यह इंसानियत को शर्मसार करेगा। अशोक संत ने कहा इस निर्णय के ख़िलाफ़ शीघ्र ज़िलाधिकारी से मिलकर विरोध करूंगा।
पैठ बाजार लगाने वालों के उत्पीडऩ के खिलाफ अशोक संत ने फिर भरी हुंकार
