गाजियाबाद। कोरोना महामारी के संक्रमण का बढ़ता असर अब जनपद के और क्षेत्रों के साथ-साथ श्मशान घाट में भी परिलक्षित होने लगा है । आलम यह है कि श्मशान घाट में शवों के दाह संस्कार के लिए भी लोगों को कई कई घंटे तक लाइन में लगना पड़ रहा है । शुक्रवार को इस संवाददाता मैं जब हिंडन मोक्ष स्थली जा कर स्थिति का जायजा लिया तो पाया कि वहां कतार से 43 शव दाह संस्कार के लिए अपनी बारी के इंतजार में रखे हुए थे । पता चला कि नगर निगम द्वारा संचालित विद्युत शवदाह गृह लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है जिसकी वजह से लोगों को और ज्यादा मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। एक और जहां मरीजों को अस्पताल में दाखिले के लिए जगह नहीं मिल रही है वही मृत्यु उपरांत दाह संस्कार के लिए शवों को श्मशान घाट में जगह नहीं मिल रही है। भला इससे ज्यादा दुर्भाग्य जनक स्थिति और क्या हो सकती है ? हिंडन मोक्ष स्थली में कुछ लोग सरकारी या प्राइवेट एंबुलेंस, से कुछ लोग कार, ट्रैक्टर तथा अन्य वाहनों से और जिनके पास कुछ भी उपलब्ध नहीं है वैसे गरीब लोग पैदल ही शवों को कंधे पर रखकर “राम नाम सत्य है ” का उच्चारण करते हुए हिंडन मोक्ष स्थली तक पहुंचे हुए थे, परंतु वहां की स्थिति वाकई हृदय विदारक एवं अत्यंत निराशाजनक थी। प्रतिदिन, प्रति घंटे हिंडन मोक्ष स्थली के ऊपर बढ़ता शवदाह कराने का दबाव तथा वहां की अनियमितताएं वास्तव में परेशान करने वाली थी। हालांकि इस संदर्भ में महा नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर द्वारा मौके का मुआयना करके विद्युत शवदाह गृह का संचालन शुद्ध करने का आश्वासन दिया गया है। शुक्रवार तथा शनिवार खबर लिखे जाने तक वहां की परिस्थितियों में कोई भी परिवर्तन नहीं हुआ ।
हिंडन मोक्ष स्थली में शवों की लगी कतार: विद्युत शवदाह गृह भी बेकार
