रेमडेसिविर कोरोना का रामबाण इलाज नहीं

हेल्थ डेस्क। देश में कोरोना की दूसरी लहर में अस्पताल बेड से लेकर ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। इस बीच एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, नारायणा हेल्थ के डॉ. देवी शेट्टी और मेदांता के डॉ. नरेश त्रेहन ने कोरोना के इलाज पर बात की। देश के तीनों बड़े डॉक्टरों ने बताया कि रेमडेसिविर को लोग मैजिक बुलेट न समझें।
डॉ. त्रेहन ने कहा कि रेमडेसिविर केवल उन लोगों में वायरल लोड को कम करता है, जिन्हें इसकी जरूरत है। रेमडेसिविर कोई रामबाण नहीं है। डॉक्टरों ने कहा कि जिन्हें रेमडेसिविर की जरूरत है, ऐसे मरीजों का परसेंटेज काफी कम है। एक देश के तौर पर अगर हम साथ काम करें, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर का ईमानदारी से इस्तेमाल करें तो कहीं भी इसकी कमी नहीं होगी। जितने लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत है, उसके लिहाज से ऑक्सीजन की सप्लाई संतुलित है।नारायणा हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि अगर आपको शरीर दर्द, सर्दी-खांसी, कब्ज या वोमिटिंग जैसे जैसे लक्षण दिखाई दें, तो सबसे पहले कोरोना का टेस्ट कराना चाहिए। अगर आप पॉजिटिव आते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। घबराएं नहीं, कोरोना अब बेहद कॉमन है। अगर आप इसकी शुरुआत में ही इलाज कराएं, तो इससे बिना किसी परेशानी के ठीक हुआ जा सकता है।
‘ऐसा भी हो सकता है कि आप बिना लक्षणों वाले मरीज हों, तब डॉक्टर आपको घर में ही आइसोलेट रहने को कह सकते हैं। इस दौरान 6 घंटे में ऑक्सीजन सैचुरेशन जरूर चेक किया जाना चाहिए। अगर ऑक्सीजन सैचुरेशन 94त्न से ऊपर है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन अगर इसमें गिरावट आती है तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यह जरूरी है कि आप सही वक्त पर सही इलाज लें।’