नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह अस्पतालों को अनुचित आदेश जारी कर कोविड-19 महामारी के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ सकती है। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के उस आदेश पर भी सवाल उठाए हैं जिसमें अस्पतालों को 10-15 मिनट के भीतर सभी आपातकालीन मरीजों को देखने और उन्हें ऑक्सीजन और दवाएं देने को कहा गया है। कोर्ट ने कहा कि सरकारी प्राधिकरण जमीनी हकीकत नहीं जानते हैं।
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच कहा कि यह उनकी अंतरात्मा को संतुष्ट करने के लिए कागजी कवायद से ज्यादा कुछ नहीं है। कोर्ट ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार को लगता है कि उसने इसके साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन कर लिया है।
महाराजा अग्रसेन अस्पताल की ओर से पेश हुए वकील आलोक अग्रवाल ने दिल्ली सरकार के आदेश के बारे में हाईकोर्ट को सूचित किया कि जिसमें अस्पतालों को 10-15 मिनट के भीतर सभी आपातकालीन मरीजों को देखने और उन्हें ऑक्सीजन और दवाएं देने को कहा गया है।
केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट की कड़ी लताड़
