विशेषज्ञों की राय: मई तक हालात बहुत भयानक

डेस्क। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने लोगों को भयभीत कर दिया है। लोग अपने करीबियों को अपनी आंखों के सामने विदा लेते हुए देख रहे हैं, लेकिन चाहते हुए भी कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं आ पा रहे। अस्पतालों में जहां बेड्स की कमी है तो ऑक्सीजन की किल्लत भी दिखाई दे रही है। सरकारों ने हालातों को सुधारने के लिए दिन-रात को एक कर रखा है, लेकिन संक्रमण के मामलों में कमी नहीं आ रही। अब एक्सपट्र्स ने एक नया दावा किया है, जो लोगों को डरा रहा है। कहा जा रहा है कि दूसरी लहर का सामना कर रहे देश में हालात सामान्य होने में जुलाई तक का वक्त लग सकता है। हालांकि, साथ ही एक्सपट्र्स का मानना है कि मई के दूसरे सप्ताह तक कोरोना संक्रमण के मामले पीक तक पहुंच जाएंगे, लेकिन संक्रमण दर न्यूनतम आने में ढाई महीने या इससे भी अधिक का वक्त लग सकता है।
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने सूत्र मॉडल का उपयोग करते हुए कहा कि कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों की पीक मई के पहले सप्ताह में आनी शुरू हो जाएगी और मई मध्य में संक्रमण में गिरावट का दौर शुरू हो जाएगा, लेकिन देश में हालात सामान्य होने में या यूं कहें कि फरवरी की भांति स्थिति जुलाई या उसके बाद ही संभव हो पाएगी। क्योंकि नए संक्रमण में गिरावट का दौर धीमा रहेगा। आईआईटी कानपुर लगातार कोरोना संक्रमण पर गणितीय मॉडलिंग कर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो देश के 12 राज्यों में कारोना संक्रमण पिछली पीक को पार कर चुका है। इन राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, उप्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा, तेलंगाना तथा झारखंड हैं। इसलिए यह माना जा रहा है कि ये राज्य अब दूसरी लहर की पीक के करीब पहुंचने वाले हैं।