गाजियाबाद। हिंडन मोक्ष धाम में अंतिम संस्कार के लिए भटकते हुए तथा अपनी बारी का इंतजार करते हुए लोगों की तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ती ही चली जा रही है । श्मशान घाट पर अब चिता के अलावा दाह संस्कार हेतु लकड़ी का भी अनुपलब्धता स्पष्ट रूप से परिलक्षित होने लगी है। इसे देखते हुए सामाजिक संस्था बीआर जन सेवा सोसायटी द्वारा एनजीटी को पत्र लिखकर शवों के दाह संस्कार हेतु गोबर के उपलों का उपयोग करने की अनुमति मांगी गई है। संस्था के अध्यक्ष राकेश मोहन गर्ग के अनुसार प्रत्येक शव के अंतिम संस्कार हेतु कम से कम एक बोरी गोबर के उपलों का इस्तेमाल अवश्य किया जाए जिससे लकडिय़ों का इस्तेमाल कम करने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा भी की जा सके। अगर ऐसा हो सका तो जंगलों से लकडिय़ां कम काटी जाएंगी और हरियाली बनी रहेगी और पर्यावरण सुरक्षित रहेगा। उन्होंने एनजीपी से अनुरोध किया है के उनके पत्र को अविलंब संज्ञान में लेकर इस संबंध में कार्यवाही की जाए ।
अंतिम संस्कार में उपले इस्तेमाल करने की मांग
