लग रहे आसार: टीएमसी बनाएगी बंगाल में सरकार

डेस्क। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की 294 में से 292 सीटों के नतीजों का ऐलान रविवार को होगा। दो सीटों पर विपक्षी उम्मीदवारों के कोरोना से निधन होने के चलते 16 मई को इन सीटों पर वोटिंग होगी। राज्य के दो प्रमुख दल- बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) दोनों ही अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। हालांकि, अब कोई भी पक्ष संख्या की भविष्यवाणी नहीं कर रहा है। वैसे आठ चरणों के चुनाव के दौरान बीजेपी 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा करती रही थी, जबकि टीएमसी का दावा था कि एक बार फिर से ममता बनर्जी ही सरकार बनाएंगी। बनर्जी नंदीग्राम में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार करते हुए घायल हो गई थीं, जिसके बाद उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठकर प्रचार किया था। ममता का सामना नंदीग्राम सीट से ही कभी उनके काफी करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी से हो रहा है। अधिकारी ने पिछले साल के अंत में बीजेपी का दामन थाम लिया था।
आठवें चरण का मतदान खत्म होने के बाद शाम को प्रसारित किए गए ज्यादातर एग्जिट पोल्स में ममता बनर्जी की एक बार फिर से सरकार बनते हुए दिखाई दिया है। हालांकि, पिछले चुनाव में मिलीं 211 सीटों के अपेक्षा इस बार कम सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं, बीजेपी के बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष समेत अन्य नेताओं का दावा है कि बंगाल का नतीजा उनके पक्ष में होगा, क्योंकि जमीनी हकीकत काफी अलग है। घोष ने शनिवार को कहा कि हमारी उम्मीदें पूरी होंगी, लेकिन उन्होंने फिर से 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा नहीं किया। मालूम हो कि 2019 लोकसभा चुनाव में 42 सीटों में से बीजेपी को 18 सीटों पर जीत मिली थी, जिसके अनुसार पार्टी 211 सीटों पर टीएमसी के मुकाबले आगे थी।
बंगाल में आठ चरणों में हुए मतदान में कुल वोटर्स की संख्या 72811254 है। मतदान की शुरुआत 27 मार्च से हुई थी, जोकि 29 अप्रैल तक चले। चुनाव के दौरान बीजेपी लगातार ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण करने का आरोप लगाती रही। वहीं, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बीजेपी के प्रमुख नेताओं को बाहरी कहकर कई बार हमला बोला। बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई रैलियां कीं, जिसमें उन्हें काफी सपोर्ट भी मिला। फिर चाहे वह मतुआ समुदाय हो या फिर बंगाल में सीएए लागू करना, बीजेपी लगातार बंगाल में ताकत से चुनाव प्रचार करती रही। साथ ही पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में पांच सीटों पर अहम भूमिका निभाने वाले आदिवासी वोटर्स तक भी अपनी पहुंच बनाई।