लखनऊ। अब कोरोना संक्रमितों में घातक फंगस की पुष्टि हो रही है। गुजरात के बाद लखनऊ के कोरोना मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस फंगस मिला है। लोहिया संस्थान में चार व केजीएमयू के तीन मरीज घातक फंगस की चपेट में आने के बाद जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
यूपी में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस का प्रकोप लखनऊ में है। यहां संक्रमण व मृत्युदर काफी है। हालात यह हैं कि कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू-वेंटिलेटर बेड तक कम पड़ गए हैं। बेड की किल्लत, दवा, ऑक्सीजन संग अब मरीजों को फंगल संक्रमण से भी जूझना पड़ रहा है। लोहिया संस्थान में मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. विक्रम सिंह के मुताबिक कोरोना के चार मरीजों में फंगल की पुष्टि हुई है। वहीं केजीएमयू मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र आत्म के मुताबिक तीन मरीजों में फंगस की पुष्टि हुई। अभी तक यह फंगस डायबिटीज मरीजों में देखने को मिलता था।
मरीजों की नाक व आंख के बीच के हिस्से में सूजन के बाद जांच कराई गई। जिसमें संक्रमण का पता चला। वह बताते हैं कि म्यूकरमाइकोसिस फंगस नाक के रास्ते दिमाग तक पहुंचता है। रास्ते में आने वाली हड्डी व त्वचा को फंगस नष्ट कर देता है। इससे मरीज की मौत तक हो सकती है। मरीज के आंखें खराब हो सकती हैं। रोशनी भी जा सकती है। डॉ. विक्रम सिंह बताते हैं कि ऐसे मरीज जिनमें रोगों से लडऩे की ताकम कम होती है। यदि वह कोरोना की चपेट में आ जाते हैं तो उनके सामने दिक्कत आ सकती है। स्टराइड की खुराक ज्यादा मात्रा में लेने से भी इस तरह की दिक्कत आ सकती है। वह बताते हैं कि बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित फोन पर डॉक्टर की सलाह लेकर स्टराइड का सेवन कर रहे हैं। स्टराइड कोरोना पर वार तो कर रहा है लेकिन उसकी मात्रा अधिक होने से मरीज की सेहत को नुकसान हो सकता है। जिनमें रोगों से लडऩे की ताकत कम होती है, उनमें दिक्कत बढ़ जाती है। यही नहीं ऐसे मरीज जो लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती हुए हैं उनमें फंगस का खतरा ज्यादा होता है। फंगस से बचने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के स्टराइड का सेवन न करें।
गुजरात के बाद लखनऊ में मिला ब्लैक फंगस: बढ़ी मुसीबत
