नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उच्च स्तरीय बैठक कर कोरोना की हालत की समीक्षा की। इस दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय के अलावा विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हुए। इस बाठक में पीएम मोदी गांवों में घर-घर जाकर सर्वे और टेस्ट कराने के लिए कहा है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने वेंटिलटरों का इस्तेमाल नहीं होने पर भी नाराजगी भी जताई है। पीएम ने देश में कोविड और टीकाकरण संबंधी स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को देश में कोविड से संबंधित मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी। पीएम को बताया गया कि देश में परीक्षण तेजी से बढ़ा है, मार्च की शुरुआत में प्रति सप्ताह लगभग 50 लाख परीक्षण से अब प्रति सप्ताह लगभग 1.3 करोड़ परीक्षण हो गए हैं। उन्होंने पीएम को धीरे-धीरे घटती टेस्ट पॉजिटिविटी रेट और बढ़ती रिकवरी रेट की भी जानकारी दी। यह चर्चा की गई कि स्वास्थ्य कर्मियों, राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप अब मामले कम हो रहे हैं। बैठक के दौरान अधिकारियों ने कोविड की राज्य और जिला स्तर की स्थिति, परीक्षण, ऑक्सीजन की उपलब्धता, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे, टीकाकरण रोडमैप पर विस्तृत प्रस्तुति दी। पीएम ने कहा कि विशेष रूप से उन राज्यों के लिए स्थानीय नियंत्रण रणनीति समय की जरूरत है जहां जिलों में टीपीआर अधिक है। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि आरटी पीसीआर और रैपिड टेस्ट दोनों के उपयोग के साथ, विशेष रूप से उच्च परीक्षण सकारात्मकता दर वाले क्षेत्रों में परीक्षण को और बढ़ाया जाना चाहिए। पीएम ने कहा कि राज्यों को अपने प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव दिखाने के दबाव के बिना पारदर्शी तरीके से अपनी संख्या की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
वेंटिलटरों का इस्तेमाल नहीं होने पर पीएम मोदी नाराज
