तीन लाख की आबादी में मात्र एक कोविड अस्पताल

साहिबाबाद। कोरोना संक्रमण की इस त्रासदी में खोड़ा क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था जर्जर हालत में है। इतनी बड़ी आबादी में न तो कोई सरकारी अस्पताल है और ना ही कोई वास्तविक कोरोना जांच केंद्र । वर्तमान में कहने को एक जांच केंद्र वहां है जिसमें ना तो कोई जांच की सहूलियत है और ना ही कोई प्रोफेशनल जांच टीम । नतीजा चिंताजनक ही नहीं बल्कि गंभीर है । यहां की जनता कोरोना संक्रमण की जांच के लिए दर बदर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर है। यहां के नागरिक दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद तथा साहिबाबाद जैसे क्षेत्रों में अपनी कोरोना जांच के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि खोड़ा क्षेत्र के 50 से अधिक व्यक्ति अब तक कोरोना महामारी के कारण अपनी जान गवा चुके हैं । दिल्ली कथा नोएडा जैसे विकसित जनपदों से सटे होने के बावजूद यहां की जनता को स्वास्थ्य केंद्रों में मिलने वाली सुविधाएं सिफर है । शासन की ओर से एक स्वास्थ्य जांच केंद्र खोला गया है परंतु मरीजों को यहां आने के बाद अपनी बारी आने के लिए कई कई घंटे तक इंतजार करना पड़ता है । समय अनुसार जांच करवाने के लिए यहां के मरीजों को बाहर के अस्पतालों में चक्कर काटने पड़ते हैं । जब तक उन्हें रिपोर्ट प्राप्त होती है तब तक मामला हाथ से निकल चुका होता है । प्रशासन की तरफ से यहां के एस आर अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है जिसमें केवल 20 बेड उपलब्ध है। खोड़ा क्षेत्र के निवासियों की प्रशासन से यह मांग है कि क्षेत्र में एक सुविधाओं से युक्त कोविड अस्पताल बनाया जाए ताकि यहां के लोगों को सही समय पर जांच एवं चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध हो सके।