नोएडा। ब्लैक फंगस को लेकर यूपी सरकार सजग हो गई है। अस्पतालों में भर्ती 5161 मरीजों के डिस्चार्ज होने से पहले उनकी जांच की जाएगी। उनकी नाक की स्थिति देखी जाएगी। यदि ब्लैक फंगस का कोई लक्षण दिखता तो तुरंत ब्लैक फंगस से सम्बंधित एंटी फंगल की जांच कराकर इलाज शुरू कर दिया जाएगा। शासन ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं।
गौतमबुद्ध नगर जिले में बुधवार को कोरोना के एक्टिव केस 5161 हजार हैं। इनमें आधे से अधिक मरीज घरों में भर्ती हैं। शेष मरीजों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। ऐसे में इन मरीजों को जांच करने की जिम्मेदारी अस्पताल व स्वास्थ्य विभाग की होगी। सभी में ब्लैक फंगस की स्थिति को जांचा जाएगा। विभाग के अफसरों के अनुसार, होम आइसोलेशन में भर्ती मरीजों से विशेष तौर पर पूछा जाता है कि उन्हें कोई और बीमारी तो नहीं है। यदि किसी को दूसरी बीमारी है तो उसी के आधार पर मरीज का इलाज शुरू किया जाता है। ब्लैक फंगस के दृष्टिगत भी इलाज का ध्यान रखते हैं। ब्लैक फंगस की नहीं मिली पर्याप्त डोज : शासन की ओर से जिले में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए छह डोज का कोटा दिया गया है। मरीजों के लिए एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन की छह डोज मिली हैं। विशेषज्ञों के अनुसार एक मरीज को सात से दस इंजेक्शन लगाए जाते हैं। अब ऐसे में जिले को मिले इस कोटे से एक मरीज भी पूरी दवा नहीं मिल पाएगी।
योगी का निर्देश: सभी 5 हजार मरीजों की फिर होगी जांच
