नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली में दूसरी बार लगाए गए लॉकडाउन के चलते लगभग 8 लाख मजदूरों ने पलायन किया है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा बीते चार सप्ताह में किए गए एक सर्वे में यह जानकारी सामने आई है। परिवहन विभाग की ओर से दिल्ली के प्रमुख बस अड्डों से दूसरे राज्यों की बस सेवाएं लेने वाले लोगों पर यह सर्वे किया है। दिल्ली में तीन प्रमुख बस अड्डे हैं जहां से दूसरे राज्यों के लिए बसें चलती हैं। इनमें कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां बस अड्डा शामिल है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 19 अप्रैल से दिल्ली में लॉकडाउन लागू होने के बाद से कम से कम 800,000 प्रवासी कामगार दिल्ली छोड़ चुके हैं। चार सप्ताह के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि लॉकडाउन के पहले सप्ताह के दौरान ही अधिकतम लोगों (3,79,604) ने घर छोड़ दिया। 3 आईएसबीटी के बीच यात्रियों का सबसे अधिक भार आनंद विहार आईएसबीटी (689,642 यात्रियों को दूसरे राज्यों में ले जाने वाले यात्रियों) पर पाया गया और अधिकांश 800,000 लोग यूपी के लिए रवाना हुए। बाकी दोनों आईएसबीटी पर भी भारी संख्या में लोगों की भीड़ देखी गई थी। हालांकि, यूपी-बिहार के अधिकतम श्रमिक होने के चलते आनंद विहार बस अड्डे पर सबसे अधिक भीड़ देखी गई थी। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से इस बार लॉकडाउन से पहले तैयारी पूरी कर ली गई थी। पहली बार दिल्ली सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के अंतर-राज्यीय परिवहन के लिए अपनी 500 क्लस्टर बसों को तैनात किया है। इसके अलावा, यूपी सरकार ने भी पिछले साल लॉकडाउन के दौरान सामने आए संकट की पुनरावृत्ति से बचने के लिए दिल्ली सरकार के अनुरोध पर बसों की व्यवस्था की थी। इन व्यवस्थाओं के चलते इस बार बीते वर्ष के लॉकडाउन की तरह सडक़ों पर मजदूरों का सैलाब देखने को नहीं मिला।
लॉकडाउन के चलते 8 लाख मजदूरों ने छोड़ी दिल्ली
