ताजमहल बनाया भारतीयों ने और मुगल म्यूजियम बनायेंगे विदेशी

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लखनऊ। आगरा में ताजमहल के पास मुगल म्यूजियम और ताज ओरिएंटेशन सेंटर का निर्माण देश के करीगर तथा वास्तुविद क्यों नही कर सकते। देश के कारीगरों को अंगूठा दिखाने का काम उप्र का पर्यटन विभाग करने जा रहा है। जिस ताजमहल को देश के करीगरों ने तैयार किया उसके निकट बनने वाले मुगल म्यूजियम और ताज ओरिएंटेशन सेंटर का डिजाइन विदेशी बनायेंगे। करीब 130 करोड़ की लागत से ताजमहल के पूर्वी गेट रोड पर ताज से करीब 1300 मीटर दूर मुगल म्यूजियम बनाने के लिए पर्शियन, तुर्की और उज्बेक वास्तुकला के विशेषज्ञों, विश्वविख्यात आर्किटेक्ट्स और म्यूजोलाजिस्ट के अलावा योग्यतम प्रोफेश्नल्स की सेवाएं ली जाएंगी। ब्रिटेन और जर्मनी में भी विश्वस्तरीय संग्रहालयों की श्रंखला है, वहां के विख्यात विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएंगी। अमेरिका की कई एक्सपर्ट संस्थाओं को भी इसके लिए सम्बद्ध किया जाएगा।
इसी प्रकार ताजमहल के पूर्वी द्वार से लगभग 900 मीटर पूर्व में ताज ईस्ट गेट रोड पर बना शिल्पग्राम अभी भी पर्यटन गतिविधियों का केन्द्र है। शिल्पग्राम परिसर में वर्तमान में पार्किंग, प्रसाधन, पेयजल, ताजमहल का प्रवेश टिकट काउण्टर, रेस्टोरेन्ट, बीयर-बार, शिल्पियों के लिए हट्स एवं ताज महोत्सव के लिए स्टेज, ग्रीन रूम शापिंग काम्पलेक्स, ओपेन एयर थिएटर एवं शिल्पियों के लिए डारमेट्री भवन आदि हैं। इसी स्थान पर अब एक नया ताज ओरिएंटेशन सेन्टर, शिल्पग्राम बनाया जाएगा।
महानिदेशक पर्यटन अमृृत अभिजात ने बताया कि दोनों परियोजनाओं को पिछली कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है। ताज ओरिएन्टेशन सेन्टर, शिल्पग्राम परियोजना के निर्माण के लिए 22647.98 लाख की स्वीकृृति की गई है। इसके निर्माण के लिए उद्योग विभाग की 11.50 एकड़ भूमि पर्यटन विभाग को निशुल्क हस्तान्तरित की जाएगी। वर्तमान में शिल्पग्राम परिसर से पर्यटक बैटरी ऑपरेटेड बसों और गोल्फ काटर््स से ताजमहल के पूर्वी द्वार तक जाते हैं। लाखों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटकों के अतिरिक्त देश-विदेश के अति विशिष्ट अतिथि एवं राष्ट्राध्यक्षगण आदि भी इसी स्थल से ताज के दीदार के लिए जाते हैं। किन्तु शिल्पग्राम में वर्तमान में उपलब्ध उपरोक्त सुविधाएं सुनियोजित स्वरूप में नहीं है, बल्कि पृथक-पृथक समयों पर रैन्डम तरीके से सृजित होने के कारण शिल्पग्राम का जिस तरह का एक समेकित एवं सुनियोजित अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप होना चाहिए, वैसा वह नहीं है।
विश्व-प्रसिद्ध ताजमहल के सानिध्य में स्थित होने के कारण शिल्पग्राम की प्लानिंग एवं डिजाइनिंग एक होलिस्टिक मैनर में स्टेट आफ दि आर्ट प्रॉडक्ट के रूप में ताजमहल के स्टेटस के अनुरूप किया जाएगा जिससे यहां के शिल्पियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का मंच प्रदान किया जा सके। शिल्पग्राम के नए सिरे से निर्माण के लिए यूपी राजकीय निर्माण निगम ने कान्सेप्ट डिजाइन एवं ड्रांइग तैयार कर चुका है। प्रस्तुतीकरण किया गया। परियोजना के अनुश्रवण एवं मानीटरिंग किए जाने हेतु स्टेट लेवल एवं फील्ड लेवल कमेटी का भी गठन कर दिया गया है।
महानिदेशक पर्यटन ने मुगल म्यूूजियम के बारे में बताया कि ताजमहल देखने आने वाले विदेशी और देशी सैलानी मुगल दौर और मुगल सल्तनत के बारे में जानना चाहते हैं जिसने ताजमहल जैसी यादगार इमारत दुनिया को दी। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी कोई स्मारक है वहां उस काल के इतिहास पर आधारित म्यूजियम जरूर है। उनके अनुसार मुख्यमंत्री अखिेलश यादव ने मुगल म्यूजियम के लिए सैद्धांतिक सहमति पहले ही दे दी थी। श्री अभिजात ने आगरा में मुगल म्यूजियम के औचित्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि दुनिया भर में मोहब्बत की निशानी कि रूप में विख्यात ताजमहल भारत की भी विदेशों में पहचान है और यह ताजमहल उत्तर प्रदेश के आगरा में है। आगरा वह नगरी है जहां ताजमहल के अलाव कई अन्य विश्व विख्यात मुगल स्मारक भी हैं जैसे आगरा का किला और फतेहपुर सीकरी के स्मारक, इन्हें देखने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 50 लाख भारतीय एवं लगभग 08 लाख विदेशी पर्यटक आते हैं। आगरा में ताजमहल, आगरा किला एवं फतेहपुर सीकरी के अतिरिक्त मुगल कालीन इतिहास के साक्षी के रूप में सिकन्दरा, ऐतमादुद्दौला, रामबाग, मरियम टॉम्ब, चीनी का रौजा, मेहताब बाग, बुढिय़ा का ताल, चैसठ खम्भा, सादिक खाँन का मकबरा आदि ऐसे अनेक मुगल कालीन स्मारक हैं, जो अपने ऐतिहासिक महत्व एवं सुन्दर वास्तुकला के कारण सैलानियों को बहुत आकर्षित करते हैं। यहाँ आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों में मुगल कालीन कला, रहन सहन, खान पान और सांस्कृतिक वैभव को जानने और समझने की जिज्ञासा रहती है। लेकिन अभी तक आगरा में ऐसा कोई भी संग्रहालय नहीं है जिसमेें पर्यटक मुगल कालीन इतिहास एवं वैभवशाली संस्कृति की झलक पा सकें।