एम्स आंदोलन: पीएम को संस्कृत में भेजे जायेंगे पोस्टकार्ड

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महोबा। बुंदेलखंड के महोबा जिले में एम्स के लिए संघर्ष कर रहे बुंदेली समाज ने एम्स की मांग के सहारे विश्व रिकार्ड बनाने की ठानी है। पोस्टकार्ड के साइज के कार्डो पर जहां टिकट की जगह पर चित्र आल्हा ऊदल के आ चुके हैं,वहीं प्रधानमंत्री से महोबा जिले को एम्स देने की मांग भी केवल देववाणी संस्कृत में लिखवाये जा रहे हंै। देववाणी को पुर्नस्थापित करने की उनकी मंशा को जानकार जहां लोग बुंदेली समाज की तारीफ करते नहीं अघाते। लोगों का कहना हैं कि बुंदेली समाज एम्स के जरिए सभी धर्मो व संप्रदायों के लोगों को और भी ज्यादा नजदीक लाने का प्रयास कर रहा है। बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि पहले भी प्रधानमंत्री को भेजे गए पोस्टकार्ड लोगों द्वारा दान स्वरूप दिए गए थे, इस बार भी वह दान स्वरूप ही प्राप्त हो रहे हैं। पिछली बार हम किसी को शुक्रिया नहीं कह सके। इसलिए इस बार कार्ड को पोस्टकार्ड के साइज का बनवाकर एक तरफ प्रधानमंत्री का पता तो दूसरी तरफ प्रायोजक का नाम व पता रखा गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि टिकट की जगह पर हमने अपने गौरव वीर आल्हा व ऊदल को रखा है। पिछली बार प्रधानमंत्री को भेजे गए एक लाख पोस्टकार्डो में पांच हजार संस्कृत में लिखे गए थे। इसके साथ ही बाकी कार्ड देशी व विदेशी लगभग 18 भाषाओं में थे। इस बार के पूरे कार्ड केवल संस्कृत में लिखे जाएंगे।