पीएम मोदी ने दी काशी को 1500 करोड़ की सौगात

शैवाल सरन, वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 1500 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी। इनमें कुछ परियोजाओं का लोकार्पण किया गया तो कुछ परियोजनाओं का शिलान्यास भी हुआ है। पीएम मोदी ने जिन परियोजनाओं की सौगात दी है उससे न सिर्फ यहां का पर्यटन बढ़ेगा बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बनारस की अलग पहचान भी बन सकेगी। शहर की पेयजल व्यवस्था से लेकर सीवर लाइनों का पूरी तरह से कायाकल्प हो रहा है। पिछले सात साल में ही पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को 10700 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दे चुके हैं। इसके अलावा करीब 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम भी चल रहा है।
आज जिन परियोजनाओं की सौगात पीएम मोदी ने दी है उनमें मुख्य रूप से जापान के सहयोग से बना रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, बीएचयू में एमसीएच विंग, नेत्र संस्थान, गंगा नदी में रो-रो और क्रूज सर्विस, वाराणसी-गाजीपुर मार्ग पर ओवरब्रिज, मच्छोदरी पर अत्याधुनिक मॉडल स्कूल, गोदौलिया पर वाराणसी की पहली मल्टीलेवल पार्किंग, गंगा के घाटों को लहरों के प्रकोप से बचाने के लिए चैनलाइजेशन कार्य, गंगा के सभी घाटों पर उनकी विशेषता बनाते वाले शिलापट्ट और एलसीडी स्क्रीन का कार्य प्रमुख है। आइये जानते हैं इन कार्यों से किस तरह काशी बदली-बदली दिखाई देगी। पीएम मोदी की तरफ से गुरुवार को मिला सबसे बड़ तोहफा रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर है। 186 करोड़ की लागत से बना यह सेंटर एक तरह से जापान की तरफ से देश को उपहार है। रुद्राक्ष के बनने से शहर में सांस्कृतिक और प्रवासी भारतीय दिवस जैसे वैश्विक आयोजनों के लिए जगह की कमी नहीं रहेगी। इसके अलावा प्रदर्शनी और मेलों के साथ ही पर्यटन व कारोबार से जुड़े सरकारी आयोजन भी यहां आसानी से हो सकते हैं। इस सेंटर में एक साथ 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। हाल को लोगों की संख्या के मुताबिक दो हिस्सों में बांटने की व्यवस्था है। पूर्णत: वातूनुकुलित सेंटर में बड़े हॉल के अलावा 150 लोगों की क्षमता का एक मीटिंग हाल है। इसके अतिरिक्त यहां एक वीआईपी कक्ष और चार ग्रीन रूम भी हैं। इसका उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि काशी से विश्वस्तरीय साहित्यकार, संगीतकार और अन्य कलाओं के कलाकारों ने विश्वस्तर पर धूम मचाई है, लेकिन काशी में ही उनके कलाओं के प्रदर्शन के लिए कोई विश्वस्तरीय सुविधा नहीं थी। आज मुझे खुशी हो रही है कि काशी के कलाकारों को अपनी विद्या दिखाने के लिए, अपनी कला दिखाने के लिए रुद्राक्ष जैसा एक मंच मिल रहा है।