शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून सक्रिय होने के कारण मौसम विभाग ने दस जिलों में आरेंज अलर्ट जारी कर सभी जिलों में प्रशासन को सतर्क रहने को कहा है। कांगडा जिला उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा है कि आगामी चार दिनों तक सभी लोगों को नदी नालों तथा खड्डों के किनारे जाने की मनाही की गई है इसके साथ ही पर्यटकों को भी धर्मशाला तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में अपने टूअर को स्थगित करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने जिला के सभी अधिकारियों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं तथा मोबाइल व अन्य माध्यमों से जिला कंट्रोल रूम तथा उपमंडल कंट्रोल रूम के संपर्क में रहें ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में राहत कार्यों के लिए त्वरित कदम उठाए जा सकें।
दूसरी ओर लाहौल स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि चंद्रताल जाने वाले यात्री ऐहतियात के साथ फोर बाई फोर, वाहनों में ही यात्रा करें। पिछले दो दिनों से भारी वर्षा के कारण कोकसर-ग्राम्फु-काजा सडक़ यातायात के लिए बाधित हुई थी। जिसमें कई स्थानों पर मलवा सडक़ पर भर गया था। बीआरओ ने लगातार कड़ी मुशक्कत के बाद यह सडक़ बहाल कर यातायात के लिए खोल दी है। उन्होंने लोगों को अपील की है कि यात्री यथासंभव फोर बाई फोर वाहनों के साथ ही यात्रा करें और दोपहिया वाहनों के साथ बिल्कुल भी यात्रा न करें। उन्होंने बताया कि उदयपुर-तिन्दी-कडूनाला सडक़ आज शाम तक दुरुस्त कर के कल आवाजाही के लिए खोली जाएगी। इधर, चंबा जिला के पांगी में कालानाला का जलस्तर बढने से मनाली-श्रीनगर वाया पांगी राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया है। खड़ामुख व होली मार्ग भी भूस्खलन से प्रभावित हुआ है। कुल्लू जिला के पागलनाला का जलस्तर बढने से लारजी-सैंज मार्ग कल से बंद है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि अगले तीन दिनों के दौरान मानसून दोबारा सक्रिय होगा। इसके फलस्वरूप राज्य के अधिकांश भागों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना हैं। 16 से 17 जुलाई तक के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और 18 से 20 जुलाई तक के लिए आरेंज अलर्ट जारी हुआ है। इस अवधि में कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। इस दौरान तेज हवाएं चलेंगी। तेज हवाएं 20 जुलाई तक पीछा नहीं छोड़ेंगी।
स्पीति-काजा में मौसम का कहर: बारिश से सडक़ें जानलेवा
