चौटाला ने किसानों में भरा जोश: रणनीति पर की चर्चा

नई दिल्ली। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला अब पूरी तरह से फॉर्म में लौट आए हैं। बुधवार को पूर्व सीएम ओपी चौटाला दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर के पास पहुंचे। यहां केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। पूर्व सीएम ने प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात की। किसानों के बीच बैठ कर चौटाला ने किसान आंदोलन को हवा देने की कोशिश की और तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार के खिलाफ रणनीति पर भी चर्चा की।
ओम प्रकाश चौटाला ने यहां कहा कि विपक्षी सांसद गुरुवार को संसद भवन का घेराव करेंगे। यह सांसद किसानों के समर्थन में यह घेराव करेंगे और सरकार से तीनों कृषि कानून को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग करेंगे। ओम प्रकाश चौटाला ने बहादुरगढ़ के बाईपास पर आंदोलन स्थल पर एक सभा को संबोधित करते हुए सरकार पर निशाना भी साधा। चौटाला ने कहा कि चुनी हुई सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जनहित के कार्यों में रूचि ले, लेकिन दिक्कत यह है कि जब सत्ता गलत लोगों के हाथ में आ जाती है तो सत्ता में बैठे लोग उसका दुरुपयोग करते हैं। नतीजा यह होता है कि जनता के कार्य होते नहीं और फिर जनता बगावत पर उतर आती है। वर्तमान में ऐसा ही हो रहा है। किसानों से मिलने के बाद ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि वो यहां पर कोई राजनीतिक भाषण देने नहीं आए, बल्कि वे तो इस आंदोलन के लिए बधाई देने और खुशी के लड्डू खिलाने आए हैं। उन्होंने दावा किया कि संघर्ष इसी तरह चलता रहेगा तो निश्चित रूप से तीनों कृषि कानून वापस होंगे। इससे पहले मंगलवार को ओम प्रकाश चौटाला गाजीपुर बॉर्डर भी पहुंचे थे। यहां उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से मुलाकात के बाद कुछ देर उनके साथ एक कमरे में गोपनीय बैठक भी की थी। कहा जा रहा है कि इस बैठक में किसान आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई थी।
बता दें कि ओम प्रकाश चौटाला उनके बेटे अजय चौटाला और कई अन्य लोगों को साल 2000 में तीन हजार से ज्यादा जूनियर बेसिक शिक्षकों की गैर कानूनी तरीके से भर्ती करने के मामले में सजा सुनाई गई थी। इस मामले में पूर्व सीएम को 10 साल की जेल की सजा हुई थी। सरकार ने अपने एक आदेश में कहा था कि जिन कैदियों ने अपनी दस साल की सजा के साढ़े नौ साल पूरे कर लिए हैं उन्हें छह महीने की विशेष छूट देकर जेल से रिहा कर दिया जाएगा। यह फैसला कोरोना महामारी को देखते हुए लिया गया था। ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी सजा के नौ वर्ष नौ माह पूरे कर लिये थे। जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।