नई दिल्ली। कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने खुद इशारा कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद से उनका जाना लगभग तय है। अगर आने वाले दिनों में बीएस येदियुरप्पा की मुख्यमंत्री पद से छुट्टी होती है तो इसका व्यापक असर पड़ेगा। येदियुरप्पा की सरकार में ऐसे कई मंत्री हैं, जिन्हें पार्टी में बाहरी माना जाता है, क्योंकि ये कांग्रेस और जेडीएस का साथ छोडक़र भाजपा में आए हैं। ऐसे में अगर 25-26 जुलाई के बाद येदियुरप्पा की कुर्सी जाती है तो ऐसे मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा के जाने के संकेत ने उन लोगों को भी झकझोर दिया है, जो एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार को गिरा कर कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर से नाता तोडक़र भाजपा में शामिल हुए थे। मगर जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को झटका देने के बदले येदियुरप्पा की सरकार में मंत्री पद के साथ पुरस्कृत किए गए ऐसे नेता अब अनिश्चितता की चपेट में हैं क्योंकि मुख्यमंत्री ने पद छोडऩे की संभावना का संकेत दिया था। घटनाक्रम पर पैनी नजर रखने वाले मंत्रियों ने गुरुवार शाम कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से मुलाकात की थी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने कहा कि कैबिनेट की बैठक के बाद कुछ मंत्री सीएम के चैंबर में गए। हम सुबह मीडिया के सामने उनके द्वारा दिए गए बयान के बारे में जानना चाहते थे कि आखिर उस बयान के क्या मतलब हैं। बता दें कि डॉ के सुधाकर भाजपा में आने से पहले कांग्रेस में थे।
येदियुरप्पा के जाने से मंत्रियों पर भी खतरा
