ऩई दिल्ली। आज व्रत की पूर्णिमा है और कल स्नान और दान की। इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गुरु की पूजा करने की परंपरा है। जिनके गुरु नहीं हैं वो गुरु बना भी सकते हैं। इस दिन ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए और स्नान और दान भी बहुत ही फल देता है। गुरु को भगवान से भी बड़ा स्थान दिया गया है। कहते हैं कि गुरु ही हमें जीवन की सही राह बताता है। गुरु पूर्णिमा के दिन आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्याख्याता महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। सभी पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास को माना जाता है। इन्होंने वेदों को विभाजित किया है, जिसके कारण इनका नाम वेदव्यास पड़ा था। वेदव्यास जी को आदिगुरु भी कहा जाता है । कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव की उपासना करें। गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
गुरु पूर्णिमा 2021 : जानिए क्या मिलेंगे लाभ
