संयुक्त राष्ट्र में मतभेदों से निपटना भारत की चुनौती

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने कहा है कि स्वतंत्र विदेश नीति वाले भारत जैसे बड़े देश का सुरक्षा परिषद में प्रवेश स्वागत योग्य रहा है। देश ने संयुक्त राष्ट्र के इस शक्तिशाली निकाय के पांच स्थायी सदस्यों और उनके बीच गतिरोधों के दौरान तुलनात्मक रूप से अत्यंत जरूरी संतुलन प्रदान किया है। भारत एक अगस्त से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा जो 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र निकाय के अस्थायी सदस्य के तौर पर 2021-2022 कार्यकाल में उसकी पहली अध्यक्षता होगी। भारत अपने दो वर्ष के कार्यकाल के आखिरी महीने यानी अगले साल दिसंबर में फिर से परिषद की अध्यक्षता करेगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने पीटीआई से विशेष साक्षात्कार में कहा, “हम सुरक्षा परिषद में बहुत अहम मोड़ पर हैं जहां हम न सिर्फ अभूतपूर्व कोविड-19 वैश्विक महामारी से जूझ रहे हैं बल्कि सुरक्षा परिषद के भीतर और बाहर गतिरोधों से भी निपट रहे हैं। इसे व्यक्तिगत पहल के बजाय अधिक सामूहिक प्रयासों के जरिए दूर करना होगा।”