चुनावी वर्ष में भी नहीं चेत रहे अधिकारी: कर्मचारियों की मांगों पर टाल-मटोल

दिनेश जमदग्नि, गाजियाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यह निर्देश कि कर्मचारियों की मांगों पर प्राथमिकता से विचार करने के लिए समिति बनाई जाए। उसके बावजूद वरिष्ठ अधिकारी सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने से नहीं बाज आ रहे हैं। इसका खामियाजा 2022 में आने वाले चुनावों पर मुकम्मल प्रतिकूल पड़ सकता है क्योंकि प्रदेश में लाखों कर्मचारी हैं और हर कर्मचारी के परिवार में 5 सदस्य का आकलन करते हुए करोड़ों में संख्या बैठती है। कहा भी जाता है कि किसी भी सरकार को बनाने बिगाडऩे में सरकारी कर्मचारी का महत्वपूर्ण योगदान रहता है लेकिन उत्तर प्रदेश में चल रही नौकरशाही के बोलबाले के कारण सरकार दिन प्रतिदिन अंकों के खेल में पिछड़ती जा रही है। इसका खामियाजा 2022 के सात आठ महीने उपरांत चुनाव में देखने को मिल सकता है।
विकास प्राधिकरण कार्मिकों की शासन स्तर पर लम्बित सेवा सम्बन्धी मांगों के निराकरण के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में कल दिनांक 28/07/2021 को सायं 4-30 बजे एक बैठक हुई जिसमें विशेष सचिव रणविजय सिंह, आवास अनुभाग-05 एवं 10 के अनुभाग अधिकारी तथा प्रान्तीय अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह, महामंत्री वृन्दावन दोहरे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिवाकर द्विवेदी, उपाध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा एवं डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की ओर से बी एन सिंह (प्रयागराज), यस आर सिंह (कानपुर) एवं यस एन सिंह (लखनऊ) उपस्थित रहे।
बैठक में लम्बित सभी मांगों पर चर्चा हुई, मुख्य-मुख्य मांगों पर संक्षिप्त विवरण निम्नवत है :-
1- सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप दिनांक 01/01/2016 से पेंशन एवं ग्रेच्युटी सम्बन्धी लाभ दिए के सम्बन्ध में विशेष सचिव एवं अनुभाग अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि दिनांक 01/01/2016 लाभ दिए जाने का प्रस्ताव वित्त विभाग द्वारा सहमति न देने के फलस्वरूप निरस्त हो चुका है।
2- दैनिक वेतन एवं वर्क चार्ज कर्मचारियों के विनियमितिकरण के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव द्वारा विशेष सचिव एवं अनुभाग अधिकारी को विनियमितिकरण की कार्यवाही शीर्घ पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।
3- विकास प्राधिकरण अकेन्द्रीयित सेवा के कतिपय संवर्गों की वेतन विसंगतियों के सम्बन्ध में अनुभाग अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि प्राधिकरणों से आख्या मांगी थी,जो कुछ प्राधिकरणों से प्राप्त नहीं हुई है। इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव द्वारा निर्देश दिए कि पुन: अनुस्मारक भेज कर शीर्घ आख्या प्राप्त की जाए।
4- दैनिक वेतन एवं वर्क चार्ज पर की गई सेवाओं को जोड़ते हुए पेंशन सम्बन्धी लाभ दिए जाने के सम्बन्ध अनुभाग अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि इस सम्बन्ध में विधायी विभाग द्वारा जारी अध्यादेश लागू होने के कारण दैनिक वेतन एवं वर्क चार्ज की सेवाएं जोड़ कर पेंशन सम्बन्धी लाभ दिया जाना सम्भव नहीं है।
5- प्राधिकरण कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58-60 वर्ष के प्रकरण में विशेष सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि दिनांक 06/04/2021 को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा जारी कार्यवृत्त के आधार पर प्राधिकरणों द्वारा किसी भी कर्मचारी से धनराशि की वसूली अथवा कटौती की कार्यवाही नहीं की जा सकती क्योंकि कार्यवृत्त कोई शासनादेश नहीं होता है। इस सम्बन्ध में प्राधिकरणों को पुन: दिशानिर्देश जारी करने का आश्वासन दिया गया।
6- उ0प्र0 विकास प्राधिकरण अकेन्द्रीयित सेवा नियमावली प्रख्यापन के सम्बन्ध में आवास विभाग द्वारा तैयार किया गया नियमावली के ड्राफ्ट की एक प्रति प्रान्तीय संगठन को अध्ययन करने एवं यथावश्यक संशोधन का सुझाव की अपेक्षा की गई है।
7- मेरठ विकास प्राधिकरण में अधिसंख्य पदों पर कार्यरत मृतक कर्मचारियों के आश्रितों की नियुक्ति के प्रकरण में प्रमुख सचिव द्वारा अवगत कराया कि आज ही इस प्रकरण में उपाध्यक्ष, मेरठ विकास प्राधिकरण से दूरभाष पर वार्ता हुई है, उनके द्वारा कुछ और बिन्दुओं पर मार्गदर्शन चाहा गया है। प्रमुख सचिव द्वारा इस प्रकरण पर शीर्घ निर्णय कराने का आश्वासन दिया है। देखा जाए तो कर्मचारी वर्ग को वार्ताओं के दौर पर दौर तारीख पर तारीख के बावजूद अभी कुछ हासिल नहीं हो रहा है जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है तथा कर्मचारी संगठनों द्वारा 2022 से पहले आंदोलन करने के लिए चर्चा की तैयारी है।