नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि भारत में पहले से ही कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर हिचक की समस्या है, ऐसे में इसके प्रभावकारिता को लेकर अदालत की ओर से कोई संदेश नहीं आना चाहिए। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की पीठ ने नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप के पूर्व सदस्य जैकब पुलियल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कोविड -19 टीकों के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों का खुलासा करने की मांग की गई थी। याचिका में लोगों पर कोविड-19 वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभावों के आंकड़ों को सार्वजनिक करने का निर्देश देने की भी मांग की गई, जिसमें कहा गया था कि सरकार टीका लेने के लिए लोगों को मजबूर कर रही है।
अनिवार्य टीकाकरण पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
