लखनऊ। भाजपा गद्दी छोड़ो अभियान के दूसरे दिन प्रदेश भर की समस्त विधान सभाओं में कांग्रेसजनों एवं भारी जनसमूह ने पैदल मार्च किया। कांग्रेसियों द्वारा निकाले गये मार्च के दौरान अधिकांश जनपदों में पुलिस ने आंदोलनकारियों को प्रशासन ने बल पूर्वक रोकने का प्रयास किया, कई स्थानों पर तीखी झड़प भी हुई और पुलिस द्वारा बल प्रयोग भी किया गया। लेकिन कांग्रेसजनों व जनता के हौसले के आगे पुलिसिया उत्पीडऩ और ज्यादती टिक न सकी। कांग्रेस के भाजपा गद्दी छोड़ो मार्च भाजपा सरकार की विफलताओं के लेकर आयेजित किया गया। कांग्रेस ने सरकार से नौजवानों के ऊपर गिरी लाठियों का अन्नदाताओं के आसुओं का, दलितों पर हुए अत्याचारों का, बढ़ती हुई बेतहाशा मंहगाई, बढ़ती बेरोजगारी, बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था, पेट्रोल डीजल की किमतों में लगातार वृद्वि, कोरोनाकाल में सरकार की विफलता और भ्रष्टाचार, महिलाओं की सुरक्षा व छोटे मझोले व्यापारियों के बदहाली का हिसाब के सवाल पर अगस्त का्रंति दिवस से प्रेरणा लेकर किया गया। मऊ जिले में भाजपा गद्दी छोड़ो आंदोलन में जिस तरीके से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर सरकार ने लाठी चलवाई है, उसका जबाव 2022 में उत्तर प्रदेश की जनता योगी सरकार को जरूर देगी। प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार मुकदमें लगाये, लाठी चलवाये, कार्यकर्ताओं को जेल भेजवाए, कांग्रेस का कार्यकर्ता ना जेल जाने से डरता है, ना मुकदमें से। श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आदित्यनाथ सरकार द्वारा यदि सबसे ज्यादा कोई प्रताडि़त किया गया तो वह प्रदेश का अन्नदाता किसान है। 2017 के चुनाव के समय वादा किया गया कि पूरा कर्जा माफ करेगें, लेकिन उसके बाद फसली ऋण और न जाने क्या-क्या नियम शर्ते लगा दी, सरकार झूठ बोलती रही, सभी को पता है, कर्ज माफी इवेंट में सैकड़ो करोड़ रूपए फूंक दिए गये और कर्ज माफ हुआ एक रूप्ए, दो रूप्ये, आठ रूपये। सरकार किसानों की मेहनत से पैदा की गई फसल उत्पादन पर अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन यह नही बता रही है कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य क्यों नही मिला, क्योकि आदित्यनाथ जी को सच्चाई पता है, भले वह कितना ही झूठ बेले और सच्चाई यह है कि 80 प्रतिशत से ज्यादा किसानों को धान और गेहूं सरकारी क्रय केन्द्रे पर नही खरीदा गया। मजबूरन उसे औने-पौने दाम पर व्यापारियों को बेचना पड़ा।
कांग्रेस का गद्दी छोड़ो अभियान: पैदल मार्च कर जताया विरोध
