केन्द्र ने कोर्ट में माना: कराते हैं संगठनों की मॉनिटरिंग

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को माना कि सरकार आतंकवाद से लडऩे और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संदिग्ध संगठनों की मॉनिटरिंग करती है। लेकिन सॉफ्टवेयर का नाम नहीं बता सकते। केंद्र सरकार ने कहा कि मॉनिटरिंग के लिए अनेक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है जो जरूरी है। लेकिन याचिकाकर्ता चाहते हैं कि सरकार बताए कि वह किस सॉफ्टवेयर का प्रयोग करते हैं व किसका नहीं। यह बताकर क्या हम उन संगठनों को सतर्क नहीं कर देंगे, जिनकी हम मॉनिटरिंग कर रहे हैं। तकनीक इतनी ज्यादा उन्नत है कि वह यह पता लगते ही कौन सा सॉफ्टवेयर प्रयोग हो रहा है, वे अपनी प्रणालियों को सुरक्षित कर लेंगे और मॉनिटरिंग से बच जाएंगे।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि कोई भी देश यह जानकारी सार्वजनिक नहीं करता कि कौन सा सॉफ्टवेयर प्रयोग में और कौन सा नहीं। मगर उनकी यही एक मांग है कि जानकारी दी जाए, यह प्रार्थना क्यों की गई है, इस बारे में वह नहीं जानते। मेहता ने कहा कि सार्वजनिक रूप से जानकारी नहीं दी जा सकती न ही सर्वोच्च कोर्ट से यह उम्मीद की जाती है कि वह सरकार से यह जानकारी सार्वजनिक करने के लिए कहे। लेकिन उनके पास कोर्ट से छिपाने को कुछ भी नहीं है, वह हर वह जानकारी विशेषज्ञ कमेटी को देंगे, जो कोर्ट के निर्देशन में काम करेगी। हम हर चीज कमेटी के सामने रखेंगे लेकिन यह सार्वजनिक बहस का विषय नहीं हो सकता।